प्रसार निदेशालय, सैम हिग्गिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज में दिनांक 20-24 अगस्त 2024 तक संचालित होने वाले सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजनान्तर्गत जनपद-भदोही के कृषकों का पाँच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में कृषकों को सम्बोधित करते हुए निदेशक प्रसार डा० प्रवीन चरन ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में खाद्य सुरक्षा का मुख्य आधार कृषि के साथ-साथ आनुसांगिक फसलों का वैज्ञानिक उत्पादन एवं उपभोग है। कृषकों को वैज्ञानिक उत्पादन तकनीक की जानकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रदान करना प्रसार निदेशालय के मुख्य उद्देश्यों में सम्मिलित है। जहाँ पर विश्वविद्यालय का ध्येय करो और सीखो है जो न सिर्फ विश्वविद्यालय के छात्रों अपितु प्रशिक्षणार्थी कृषकों को बताई जाती है ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में निदेशक विकास डा० रीतू प्रकाश दूबे ने कृषकों को बताया कि यह विश्वविद्यालय विगत शताब्दी से कृषकों की सेवा में कार्यरत है एवं शोध, शिक्षण एवं प्रसार के माध्यम से
कृषकों के बीच अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर चुका है। यह विश्वविद्यालय भारत ही नहीं एशिया महाद्वीप का सबसे पुराना कृषि संस्थान है जिसमें कृषकों को कृषि की प्रायोगिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस संस्थान के विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित होने के उपरांत उ०प्र० सरकार के सहयोग से कृषकों का कृषि एवं सम्बन्धित क्षेत्रों में प्रशिक्षण का कार्यक्रम प्रसार निदेशालय के माध्यम से निरंतर संचालित किया जा रहा है जिसका क्षेत्र में उत्पादकता एवं कृषक आय में वृद्धि के रूप में प्रदर्शित होना आरम्भ हो चुका है। प्रसार निदेशालय के वैज्ञानिकों के कृषकों हेतु उपयोगी ज्ञान से प्रभावित होकर विन्ध्यांचल एवं प्रयागराज मण्डलों के कृषक इस विश्वविद्यालय में
प्रशिक्षण हेतु सदैव तत्पर रहते हैं।
प्रशिक्षण समन्वयक डा० शिशिर कुमार ने प्रतिभागी कृषकों का स्वागत किया एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा से कृषकों को परिचित कराया। वैज्ञानिक डा० शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कृषकों को जैविक खेती पर जानकारी दी एवं वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की विधि बतायी। वैज्ञानिक डा० सरवेन्द्र कुमार ने खरीफ तिलहनी फसलों सोयाबीन, मूँगफली एवं तिल की उन्नत खेती पर विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर प्रसार निदेशालय के समस्त वैज्ञानिकगण उपस्थित रहे।