“मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ सुविधा के विषय में देशी विक्रेताओं के प्रशिक्षण हेतु वेंडर्स मीट आयोजित

उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में “लेटर ऑफ क्रेडिट” मोड के माध्यम से भुगतान की सुविधा के विषय में डोमेस्टिक विक्रेताओं को प्रशिक्षित करने के लिए एक वेंडर्स मीट आयोजित की गई। उत्तर मध्य रेलवे और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता श्री राजीव चौधरी महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे ने की और इसमें बड़ी संख्या में घरेलू आपूर्तिकर्ता और वेंडर शामिल हुए। लेटर ऑफ क्रेडिट(एलसी)जिसे बैंकर्स कमर्शियल क्रेडिट के रूप में भी जाना जाता हैयह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रयुक्त होने वाला एक भुगतान तंत्र हैजो एक क्रेडिट बैंक से वस्तुओं या सेवाओं के आपूर्तिकर्ता को भुगतान की गारंटी प्रदान करता है। लेटर ऑफ क्रेडिट अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए अपरिहार्य हैं क्योंकि इसके माध्यम से समय पर भुगतान प्राप्त होना सुनिश्चित होता है।

लेटर ऑफ क्रेडिट से विक्रेता का भुगतान का जोखिम कम हो जाता है क्योंकि इसमें बैंकों द्वारा खरीददार के आश्वासन के अनुसार विक्रेता को भुगतान सुनिश्चित होता है। प्रत्येक देश में अलग-अलग कानूनों और प्रत्येक पार्टी से व्यक्तिगत पहचान ना होने के कारण लेटर ऑफ क्रेडिट अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है। लेटर ऑफ क्रेडिट बहुत अधिक मूल्य वाली घरेलू खरीद में भी प्रयोग में आती रही है पर अबमेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने के भारत सरकार के विज़न के तहत  मध्यम और छोटे आकार के घरेलू उत्पादकों और वस्तुओं तथा सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को बढ़ावा देने के लिए इस सुविधा को घरेलू लेनदेन के लिए भी प्रचारित किया जा रहा है। रेलवे अपने वृहत आकार और आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खुले बाजार से वस्तुओं और सेवाओं के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है और इसी क्र्म में भारतीय रेल ने फरवरी 2018 से घरेलू आपूर्ति में लेटर ऑफ क्रेडिट के माध्यम से भुगतान की सुविधा उपलब्ध करा दी है।

उत्तर-मध्य रेलवे मुख्यालय में आयोजित इस वेंडर मीट के प्रारंभ में प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री पी एन पांडेय ने मुख्य अतिथि महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी और सभी वेंडरों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद आपूर्तिकर्ताओं के बीच जागरूकता की कमी के कारण घरेलू लेनदेन में इसका उपयोग बहुत कम रहा है और इस बैठक से इसके उपयोग को बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रमख वित्त सलाहकार उत्तर मध्य रेलवे श्री अजय माथुर ने भी लेटर ऑफ क्रेडिट के लाभों के विषय में विस्तार से बताया। भारतीय स्टेट बैंक के डिप्टी जनरल मैनेजर श्री ए के झा ने लेटर ऑफ क्रेडिट के लाभों के बारे में बताया और कहा कि यह छोटे घरेलू आपूर्तिकर्ताओं के लिए वर्किंग कैपिटल की समस्या को हल करने में मदद करेगाक्योंकि यह सामान आपूर्ति के बाद समय से भुगतान सुनिश्चित करता है। भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों की टीम द्वारा लेटर ऑफ क्रेडिट के लाभों को समझाते हुए एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया और लेटर ऑफ क्रेडिट से संबंधित विक्रेताओं के प्रश्नों के उत्तर दिए।महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर मध्य रेलवे अपने प्रत्येक वेंडर को रेलवे के विकास में भागीदार मानता है। उन्होंने कहा कि लेटर ऑफ क्रेडिट सुविधा जो अब सभी घरेलू खरीद और रेलवे की निविदाओं में उपलब्ध हैछोटे और मध्यम श्रेणी के वेंडरों को वर्किंग कैपिटल की समय पर उपलब्धता में मदद करेगी और इस तरह “मेक इन इंडिया” के महत्वपूर्ण पहल को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि यह रेलवे के लिए भी फायदेमंद होगा क्योंकि सेवा और सामान समय पर भुगतान की गारंटी के माध्यम से सस्ती कीमत पर उपलब्ध होंगे और इस तरह रेलवे तथा वेंडर दोनो भागीदारों के लिए लाभदायक होगी।
इस वेंडर मीट में उत्तर मध्य रेलवे के सभी विभागों के प्रमुख विभागाध्यक्ष स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एवंराष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) के अधिकारी तथा NBC बियरिंग, Fevilay Transport, ABB, Medha Servodrives, फ्रंटियर स्टील जैसे देश भर आए 70 से अधिक वेंडरों ने भाग लिया।

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