मृदा संरक्षण की अनदेखी का परिणाम भयावह होगा – डॉo बृजेश कांत

बायोवेद शोध संस्थान में मृदा दिवस पर संगोष्ठी
प्रयागराज। हर साल करीब पचहत्तर बिलियन टन मृदा का अपरदन हो जाता है। इस तरह पूरे विश्व की 40 फ़ीसदी कृषि भूमि का अपरदन हर साल हो जाता है। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि एक ग्राम मिट्टी बनाने में लगभग दो सौ से चार सौ वर्ष लग जाता है। दुर्भाग्यजनक यह है कि बड़ी तादाद में किसान अपनी उपजाऊ भूमि की चार से पांच फीट मिट्टी महज एक से डेढ़ लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से ईंट भट्टे वालों को बेच रहे हैं इसकी वजह से मानव जीवन को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दिनोदिन खतरनाक होती इस गंभीर दशा को रोका जाना चाहिए। यह जानकारी विश्व मृदा दिवस पर सोमवार को बायोवेद कृषि प्रौद्योगिकी एवं शोध संस्थान श्रृंगवेरपुर मोहरब में आयोजित संगोष्ठी में संस्थान के निदेशक डॉo बृजेश कांत द्विवेदी ने दी। बतौर मुख्य वक्ता संगोष्ठी को संबोधित करते वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉo द्विवेदी ने मृदा संरक्षण को नितांत ही जरूरी बताया। बताया कि मृदा संरक्षण की अनदेखी का परिणाम बेहद नुकसानदेह होगा। संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ एसएस यादव ने बताया कि थाईलैंड के राजा स्वर्गीय एच एम किंग भूमिबोल के जन्मदिन 5 दिसंबर के अवसर पर 68 में यूएन जनरल एसेंबली ने इस दिवस को विश्व मृदा दिवस के रूप में अपनाने पर बल दिया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय द्वारा देश भर में 14 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड का लक्ष्य रखा गया था। संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ हिमांशु द्विवेदी ने मृदा के स्वास्थ्य को बचाने हेतु वर्मी कंपोस्ट के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने बताया कि हर साल केंचुआ 20 से 40 टन मिट्टी प्रति एकड़ खाकर उसे भुरभुरी एवं  उपजाऊ बनाने में मदद करता है। महेंद्र पाल ने बड़ी तादाद में रासायनिक उर्वरक के प्रयोग पर चिंता व्यक्त किया। बायोवेद संस्थान में प्रशिक्षण हासिल कर रही सैम हिंगिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय नैनी की 60 छात्राओं ने ‘ मिट्टी बचाओ, विश्व बचाओ’ का नारा बुलंद कर लोगों का उत्साहवर्धन किया।  सांस्कृतिक कार्यक्रम में बेहतरीन प्रस्तुति देकर इन छात्राओं ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कुमारी महिमा द्विवेदी, श्रुति, शिवानी, जूली, शिवानी द्वितीय, दिव्या नारंग, राजश्री एवं सुष्मिता ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर पीसी पांडे चेयरमैन श्रृंगी फिल्म प्रोडक्शन हाउस प्रयागराज ने स्वस्थ, सुरक्षित, जीवन के लिए मृदा बचाओ अभियान शुरू करने को जरूरी बताया। इस अवसर पर सुशील कुमार मिश्र, अमित ओझा, जसबीर सिंह, जूली ब्रिज, प्रवीण श्रीवास्तव आदि का सराहनीय योगदान रहा। असिस्टेंट प्रोफेसर अंकित शुक्ला  ने आभार व्यक्त किया।

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