नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय महात्यागी खालसा के श्री महंत एवम ” महामंडलेश्वर श्री रामगोविन्द दास महात्यागी जी महाराज ” के सानिध्य में ए जी सी आर एनक्लेव ( कड़कड़डूमा कोर्ट के सामने ) के समुदाय भवन व उससे सटे पार्क में आयोजित 9 दिवसीय 9 कुण्डीय मनोकामना सिद्ध सर्व कष्टहारी ” 25 वा श्री सहस्त्र चण्डी महायज्ञ ” गुप्त नवरात्र के प्रथम दिन ( आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा – 30 जून ) मूसलाधार बारिश के बीच शुरू हुआ ।
उल्लेखनीय है कि महायज्ञ प्रारम्भ होने से पूर्व सौभाग्यवती महिलाओं की विशाल कलश यात्रा निकाली गई । जोकि सिद्ध पीठ श्री सीताराम सन्तसेवा मन्दिर एवम गौशाला ( स्थित : चन्दू पार्क पुरानी अनारकली दिल्ली – 51 ) से चल कर महायज्ञ स्थल पर पहुंची ।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्री राम गोविन्द दास महात्यागी जी महाराज ” के साथ महामंडलेश्वर श्री सच्चिदानंद जी महाराज ( वृंदावन ) , महंत श्री परमानन्द जी महाराज ( ब्रह्मपुर , उड़ीसा ) , महंत श्री विशम्भर दास जी महाराज ( पूरी , उड़ीसा ) , महंत श्री दीनबन्धु दास महात्यागी जी महाराज , श्री महंत अनंत दास जी महाराज ( अमृतसर ) , समाज सेवी राजीव शर्मा , रजनीश गुप्ता , विजय गुप्ता , गणेश बड्डे , राजेश शर्मा , राजेश खण्डेलवाल , राजकुमार जादूगर , नरेश अग्रवाल , भाजपा नेता विपिन जैन , पूर्व विधानसभा प्रत्याशी डॉ अनिल गोयल व पूर्व पार्षद चौ प्रेम कुमार सहित भारी तादाद में महिलाएं व अन्य धर्म प्रेमी श्रद्धालु भी मौजूद रहे
महायज्ञ का विधिवत शुभारंभ अरणी मंथन और वेद मंत्रों द्वारा उत्पन्न अग्नि के साथ हुआ । अरणी मंथन व महायज्ञ के शुभारम्भ की प्रक्रिया अयोध्या के यज्ञाचार्य पंडित शशिभूषण शास्त्री द्वारा सम्पन्न कराई गई ।
महायज्ञ के आयोजक महामंडलेश्वर श्री राम गोविन्द दास महात्यागी जी महाराज ने बताया कि मनोकामना सिद्ध सर्व कष्टहारी इस महायज्ञ का आयोजन मानव प्राणी को नाना प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाने के साथ साथ विश्व में कोहराम मचाने वाली प्राकृतिक आपदाओं और कोरोना जैसी महामारी से बचाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है । विश्व कल्यानार्थ आयोजित इस महायज्ञ को अयोध्या व वृंदावन के 65 से अधिक विद्वतगणों ( ब्राह्मणों ) द्वारा सम्पन्न कराया जाएगा ।
शास्त्रों के अनुसार ” श्री सहस्त्र चण्डी महायज्ञ ” ब्रह्माण्ड के समस्त देवताओं के आशीर्वाद व समस्त देवियों की स्तुति के साथ किया जाने वाला ऐसा महायज्ञ है जिसके प्रताप से शत्रु पर विजय का मार्ग प्रशस्त होता है तो मनुष्य के जीवन की प्रगति में आने वाली बाधाओं का सर्वनाश होता है और यह यज्ञ भय व पाप से मुक्ति दिलाने के साथ साथ सुख , समृद्धि व वैभव को बढ़ाता है । गुप्त नवरात्रों में इस महायज्ञ का प्रभाव कई गुना और ज्यादा बढ़ जाता है ।
उन्होंने यह भी बताया कि इस महायज्ञ से उन परिवारों का भी होगा उपकार जो कोरोना काल में नही कर सके अपनो का भी अंतिम संस्कार । ज्ञात रहे इस महायज्ञ से जहां मानव प्राणी के कष्टों का निवारण होता है और उसके जीवन मे होता है खुशहाली का आगाज वही दिवंगत आत्माओं के भी खुलते है उद्धार के द्वार । इसका प्रभाव जहां अकाल मृत्यु की संभावनाओं को घटाता है वही मोक्ष के द्वार भी खोलता है ।
उल्लेखनीय है कि इस महायज्ञ में उन दिवंगत आत्माओं के कल्याण व उनके परिवारों की सुख समृद्धि हेतू भी यज्ञ किया जाएगा । जोकि कोरोना के प्रकोप के चलते कोरोना काल में दिव्यलोक को गमन कर गए और उनके परिजन उनका अंतिम संस्कार तक भी नही कर सके ।