मूंज आधारित आजीविका हेतु हस्तकला प्रशिक्षण हेतु एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

प्रयागराज।* पारि-पुनर्स्थापन वन अनुसंधान केन्द्र प्रयागराज द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत  किसानों की आय बढ़ाने हेतु *”मूंज आधारित आजीविका हेतु हस्तकला* विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा० के० सत्यनारायण, निदेशक, केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, राँची व केन्द्र प्रमुख डा० संजय सिंह के साथ वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया। केन्द्र प्रमुख डा० सिंह ने पारि-पुनर्स्थापन वन अनुसंधान केन्द्र, प्रयागराज द्वारा आयोजित मूंज आधारित प्रशिक्षण को अभिनव का विषय बताया। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि मूंज आधारित आजीविका हेतु हस्तकला के माध्यम से निर्मित वस्तुओं द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था में भी सुधार लाया जा सकता है। कार्यक्रम समन्वयक, आलोक यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा प्रशिक्षकों का परिचय देते हुए एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत मूंज की भूमिका और उपयोग पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में उपस्थित मूंज प्रशिक्षक बीबी फातिमा तथा परबीन बानो द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्रम विषयक प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसके अंतर्गत मूंज के उपयोग से बनने वाली विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को हस्तकला के माध्यम से तैयार करने के तरीकों से अवगत कराया गया। कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक किसानों तथा नगर के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में केन्द्र के सभी अधिकारियो व कर्मचारियों के साथ विभिन्न शोध छात्र – छात्राएं आदि उपस्थित रहे।
समझौता ज्ञापन
*प्रयागराज।* पूर्वी उत्तर-प्रदेश में तसर (रेशम) की खेती को बढ़ावा देने के लिए पारि-पुनर्स्थापन वन अनुसंधान केन्द्र, प्रयागराज तथा केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, राँची के मध्य समझौता ज्ञापन किया गया, जिसके अंतर्गत दोनों संस्थान तसर रेशम कि खेती को उत्तर प्रदेश में बढ़ाने के लिए कृषकों को प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। समझौता ज्ञापन हेतु केंन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान से निदेशक, डा० के० सत्यनारायण के साथ वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० जे० पी० पाण्डेय तथा डा० के० बिनकाडाकट्टी उपस्थित रहे। केन्द्र के अधिकारियों, प्रभागीय वन अधिकारी-प्रयागराज, समन्वयक, कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रयागराज तथा कौशाम्बी के साथ विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा समझौता ज्ञापन विषय पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये। कार्यक्रम में केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान से उपस्थित तसर (रेशम) विशेषज्ञों द्वारा उपस्थित सभी प्रतिभागियों को तसर उत्पादन तथा इससे होने वाले लाभों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी साथ ही प्रतिभागियों द्वारा तसर के उत्पादन में होने वाले सम्भ्रान्तियो को भी दूर किया गया।

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