मुक्त विश्वविद्यालय में तेजी से बढ़ी शिक्षार्थियों की संख्या

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षार्थियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। शैक्षिक सत्र 2018-19 में विश्वविद्यालय के विविध पाठयक्रमों में 69,903 शिक्षार्थियों ने प्रवेश लिया था। यह संख्या पिछले शैक्षिक सत्र यानी 2017-18 की तुलना में 18,680 अधिक है जबकि इससे पूर्व के दो शैक्षिक सत्रों की तुलना में और भी ज्यादा है।

बीस वर्ष पूर्व 1999 में स्थापित मुक्त विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र 2013-14 में सर्वाधिक 71,048 शिक्षार्थियों ने प्रवेश लिया था। इसके बाद के चार सत्र यानी 2014-15 से 2017-18 तक शिक्षार्थियों की संख्या घटी रही। शिक्षार्थियों की संख्या के लिहाज से शैक्षिक सत्र 2018-19 में हुआ प्रवेश दूसरे स्थान पर है। 2013-14 से पूर्व के शैक्षिक सत्रों में शिक्षार्थियों की संख्या काफी कम थी। मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक, परास्नातक, पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और जागरूकता कार्यक्रम को मिलाकर वर्तमान में 110 पाठ्यक्रम संचालित हैं। प्रदेश में स्थापित 11 क्षेत्रीय कार्यालयों से 1006 अध्ययन केंद्र जुड़े हैं। जिनके माध्यम से शिक्षार्थियों को पंजीकृत कर मुक्त विश्वविद्यालय सूदूर गांव के उन उम्रदराज लोगों को भी शिक्षित कर रहा है, जो किसी माध्यम से रेगुलर मोड में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। कई प्रोफेशनल भी यहां से पढ़ाई कर रहे हैं।

नेटवर्क में हुआ विस्तार
शिक्षा्र्थियों की संख्या बढ़ने की एक बड़ी वजह यह है कि पिछले पांच वर्षों में मुक्त विश्वविद्यालय के नेटवर्क को काफी विस्तार मिला है। पांच वर्ष पूर्व यानी शैक्षिक सत्र 2014-15 में प्रदेश में मुक्त विश्वविद्यालय के 659 अध्ययन केंद्र थे। इसके बाद के सत्रों में अध्ययन केंद्रों की संख्या लगातार बढ़ते हुए अब 1006 पर पहुंची है। पिछले सप्ताह हुए दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा था कि आज यूपी का कोई ऐसा जिला नहीं है, जहां मुक्त विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र नहीं है।

नए पाठ्यक्रमों से भी बढ़ा रूझान
मुक्त विश्वविद्यालय ने हालिया वर्षों में योग, भूगोल, गृह विज्ञान, उर्दू, फूड एण्ड न्यूट्रीशन में परास्नातक, भूगोल एवं ह्यूमन न्यूट्रीशन में स्नातक तथा भारतीय सभ्यता एवं पुरातत्व में पीजी डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, इससे भी शिक्षार्थियों का रूझान मुक्त विवि की ओर बढ़ा है। क्योंकि यह पाठ्यक्रम कहीं न कहीं लोगों को रोजगार दिलाने में मददगार हैं। खास तौर से योग पाठ्यक्रम काफी लोकप्रिय हो रहा है।

मुक्त विश्वविद्यालय वर्ष 2023 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत नामांकन के राष्ट्रीय लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में प्रयासरत है। इसके लिए अध्यायन केंद्रों का विस्तार करते हुए राज्य और देश की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं।- प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह, कुलपति, मुक्त विवि

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