मिचेल मार्श ने कैसे तय किया नफरत से मुहब्बत तक का रास्ता

एक दशक से टीम में होने के बावजूद दो टेस्ट और एक वनडे शतक खाते में, बार-बार चोटिल होना और टीम में चुने जाने के बाद नफरत के अंबार का सामना करना पड़ा.. टी-20 विश्व कप फाइनल से पहले आलराउंडर मिचेल मार्श की जिंदगी कुछ ऐसी ही थी, लेकिन रविवार को उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 50 गेंदों में नाबाद 77 रन की पारी खेलकर इस कलंक को धो दिया। मिचेल के पिता ज्याफ मार्श ने आस्ट्रेलिया के लिए 50 टेस्ट में चार और 117 वनडे में नौ शतक लगाए थे। उनके बड़े भाई शान ने 38 टेस्ट में छह और 73 वनडे में सात शतक ठोके। उनकी बहन मेलिशा प्रोफेशनल बास्केटबाल खिलाड़ी हैं।खिलाड़ियों के परिवार से आने के कारण मिचेल पर बहुत दबाव था, लेकिन वह मौके मिलने के बावजूद कुछ खास नहीं कर पा रहे थे। उनके आलोचकों की कभी कमी नहीं रही। सब उनकी तुलना उनके पिता से करते। उन्होंने दो साल पहले टेस्ट में पहली बार पांच विकेट लेने के बाद हंसते हुए कहा था कि अधिकांश आस्ट्रेलियाई मुझसे ‘नफरत’ करते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि मेरे पास बहुत सारे अवसर आए और मैंने उसे पूरी तरह नहीं भुनाया, लेकिन वे मेरा सम्मान कर सकते हैं, क्योंकि मैं वापस आ रहा हूं।मार्श खराब प्रदर्शन करके बाहर होते रहे, लेकिन घरेलू क्रिकेट और बिग बैश लीग में अच्छा प्रदर्शन कर राष्ट्रीय टीम में वापसी कर लेते। तेज गेंदबाजी आलराउंडर होने के कारण उनकी टीम में जगह बन जाती, क्योंकि ऐसे में वह पांचवें गेंदबाज की कमी को पूरा कर देते। फाइनल में उन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। जब टीम जीती तो उनके सबसे करीबी दोस्त एडम जांपा व मार्कस स्टोइनिस उनके पास दौड़ गए। उन्होंने मार्श को गर्वित माता-पिता की तरह गले लगा लिया। मैन आफ द मैच अवार्ड लेते समय मार्श ने कहा कि बहुत से लोग ऐसा कहते हैं, लेकिन मेरे पास इस समय शब्द नहीं हैं।

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