मालदीव की संसद ने 27 जून को ‘इंडिया आउट’ कैंपेन सहित मालदीव के राजनयिक हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्यों को अपराध घोषित करने के लिए कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। संसद में इसके पक्ष में मतदान करके कानून को पारित किया गया है। इसके साथ ही संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने ‘इंडिया आउट’ कैंपेन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए जांच के लिए 214 समिति को सौंप दिया।
इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने हाल ही में एक आदेश जारी करते हुए एजेंसियों को इंडिया आउट कैंपेन को रोकने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही उन्होंने इंडिया आउट कैंपेन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा भी बताया था।
क्यों जारी है भारत के खिलाफ प्रदर्शन?
दिसंबर 2022 के शुरुआत से मालदीव में यामीन की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव इंडिया आउट कैंपेन चला रही है। पार्टी का कहना है कि इस कैंपेन का मकसद भारतीय सैनिकों को मालदीव से हटाने का है। यामीन ने खुद भी कहा है कि भले ही सत्तारूढ़ प्रशासन किसी भी भारतीय सैन्य उपस्थिति से इनकार करता है लेकिन हम अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
यामीन का रहा है भारत विरोधी इतिहास2013-18 के दौरान यामीन मालदीव के राष्ट्रपति थे। उस दौरान मालदीव और भारत के बीच संबंध बहुत खराब हो गए थे। रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण लामू और अड्डू एटोल से भारत को दो हेलीकॉप्टरों वापस लेने पड़े थे। इसी दौरान यामीन भारत का विरोध करते हुए चीन को मालदीव में जगह देते रहे।