नाल्ड ट्रंप का प्रयागराज प्रोग्राम ण्ण्ण्ण्ण्ण् प्रातः 7रू30 दुरंतो से प्रयागराज रेल्वे स् टेशन पर आगमन ण्ण् 8रू00 बजे स्टेशन के सामने स्थित सुलभ पर फ्रेश होंगेण्ण्ण् 8ण्30 पर कटरा में चंदन चाय वाले का बन् मक्खन का नाश्ताण्ण् 9 बजे नेतराम में कचौड़ी जलेबी का नाश्ताण्ण्ण् 9ण्30 बजे सिविल लाइन्स चौराहे के निरीक्षण ण्ण्ण् 10रू00 बजे हाई कोर्ट चौराहे पर लगे नए सीसीटीवी का उदघाटन करेंगेण्ण्ण् 11रू00 बजे नगर के गणमान्य नागरिकों एवम व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिनो से करेंगे मुलाकातण्ण्ण् 1 बजे तंदूर के छोले भटूरे का लंच पैलेस के पासण्ण् 2 बजे बिजली घर रोड में अपनी पुरानी सूटकेस की चाबी बनवाएंगेण्ण् 3 से 5 कुंदन गेस्ट हाउस में रेस्ट करेंगे 6 बजे जॉनसन गंज चौराहे पर टेम्पो वालो की परेशानी सुनेंगेण्ण्ण् 6ण् 30 बजे करेली में घुमकर पनीर समोसाए मोमोज का स्वाद लेंगे ण्ण्ण् 7बजे शहर की प्रसिद्ध३ त्मंक उवतम
मानव व राष्ट्र कल्याण हेतु प्रकाशनार्थ प्रयागराज 26 जनवरीए 2020। आधुनिक युग में प्राचीनतम् होते हुये नित्य नवीनम् पूर्ण विज्ञान . श्क्रियायोगश् को प्रकट रूप में शिक्षा देने वाले प्रथम गुरु योगीराज श्यामाचरण लहिणी जी थे। लहिणी महाशय जी को 1861 में क्रियायोग की दीक्षा मृत्युंजय महावतार बाबाजी के द्वारा प्राप्त हुई। लहिणी महाशय के मार्गदर्शन में श्री युक्तेश्वर जी ने आत्मिक उन्नति की तथा सर्वोच्च अवस्था प्राप्त कर ली। ज्ञानवतार श्री युक्तेश्वर जी ने क्रियायोग की दीक्षा परमहंस योगानन्दजी को दिया और उन्हें क्रियायोग को पश्चिमी देशों में प्रसारित करने के लिये अमेरिका भेजा। इसी क्रियायोग को वैज्ञानिक तरीके से भारत राष्ट्र में प्रसारित करने के लिये गुरुदेव स्वामी श्री योगी सत्यम् जी ने प्रयागराज में क्रियायोग आश्रम व अनुसंधान संस्थान की स्थापना की। गुरुदेव के द्वारा सिखाये जा रहे क्रियायोग के द्वारा यू०एस०ए०ए कनाडाए ब्राज़ीलए सिंगापुरए यूरोपए स्वीट्ज़रलैंड व भारत के अनेक मेडिकल डाॅक्टर्सए इंजीनीयर्सए प्रोफ़ेसरर्सए आदि लोग ब्लडप्रैशरए डायबटीज़ए अर्थराइटिसए रयूमट्वायडए सोरियासिसए मानसिक रोग से पीड़ित लोग पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त कियेए जो वर्तमान में क्रियायोग आश्रम में स्वामी के रूप में सेवारत हैं। गुरुदेव स्वामी श्री योगी सत्यम् द्वारा प्रदान की गयी क्रियायोग शिक्षा को स्वामी श्री ज्ञानमाता डा० राधा सत्यम् जी ने प्रयागराज जनपद में इन्सटीट्यूट आॅफ एडवान्स स्टडीज़ इन एजुकेशन के शिक्षकों व विभाग के अधिकारियों को पढ़ाया व अभ्यास कराया। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्थान की प्रचार्य अपर शिक्षा निदेशक ललिता प्रदीप जी के मार्गदर्शन में उपनिदेशक श्री अशोक नाथ तिवारी जी द्वारा किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि ज्ञानमाता जीए अन्तर्राष्ट्रीय जगत में क्रियायोग का ज्ञान देने वाले क्रियायोग वैज्ञानिक गुरुदेव स्वामी श्री योगी सत्यम् जी के साथ इस अलौकिक विज्ञान को जन.जन तक पहुँचाने के अभियान में अनवरत सेवारत हंै। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये क्रियायोग देश के शिक्षकों तक पहुँचाने का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ताकि शिक्षकों से यह ज्ञान भारत की भावी पीढ़ी विद्यार्थियों तक पहुँच सके। इस पावन कार्य के सम्पन्न होने पर भारत की धरती पर रहने वाले प्रत्येक साधक व्यक्तिए व्यक्तिगतए पारिवारिकए सामाजिकए व आर्थिक आदि समस्याएं जैसे शारीरिक व मानसिक बीमारियाँएगरीबीए बेरोज़गारीए अनाचारए भ्रष्टाचार आदि दूर हो जायेंगे। क्रियायोग के अभ्यास से मनुष्य का अन्तः व बाह्य क्षेत्र स्वतः सजने लगता हैए जिससे सत्यए अहिंसाए अस्तेयए अपरिग्रहए ब्रह्मचर्यए शौंचए संतोषए तपए स्वाध्याय व ईश्वरीय गुणों वाले व्यक्तित्व युक्त मानव समाज का जन्म होने लगता है जिसमें कोईए किसी का अधिकार छीनकरए किसी को दबाकरए किसी को छोटा करकेए किसी को पीड़ा देकरए किसी को पीछे करके अपने को आगे करने की होड़ में न होकरए हम सब एक हैंए एक के विकास से ही दूसरे का विकास की पूर्णता सम्भव हैए एक की प्रसन्नताए सुखए समृद्धिए उन्नति में दूसरे का आत्म सुखए व आत्म उन्नति निहित हैए इस प्रकार की सच्ची समझ वाले मनुष्यों के द्वारा राष्ट्र का सर्वांगीण विकास होगा। फिर भारत की धरती पर उपजे ऐेसे ही आदर्श मानव समाज के माडल को विश्व के अनेक राष्ट्रों में उतारने की ललक जगेगी जिससे विश्व शांति की स्थापना होगी। मनुष्य आसानी से समझ सकेगा कि वह हाड़.माँस का शरीर रूप नहीं है य वह सर्वव्यापी परबह्म की अमर संतान है। द्वारारू. क्रियायोग आश्रम व अनुसंधान संस्थान