कार्यालय प्रतिनिधि
प्रयागराज l माघ मेला क्षेत्र के त्रिवेणी रोड स्थित सेवारत क्रियायोग शिविर में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि राम लखन शुक्ल ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय क्रियायोग गुरु स्वामी योगी सत्यम् वरिष्ठ विशिष्ट के उपस्थिति में की गई साहित्यकार संसद के सचिव वरिष्ठ साहित्यकार प्रद्युम्ननाथ त्रिपाठी ‘करुणेश’ ने वाणी वन्दना करके कवि सम्मेलन की शुरुआत की। चर्चित गीतकार डा.पीयूष मिश्र ‘पीयूष’ ने- ‘लोग खिंचते चले आयेगें, बांसुरी को अधर दीजिए। हर गली हर कली फूल में, प्रेम का भाव भर दीजिए, सार्थक पंक्तियाँ पढ़कर कवि सम्मेलन को ऊंचाई प्रदान की। कवयित्री नीना तयश्रीवास्तव ने पंक्तियाँ पढ़ी- राम आये अवध में बजी दुन्दुभि, धरती से आसमां दीपों की है लड़ी। डा. गीता सिंह ने रचना पढ़ी- बनके खुशबू हवा में उड़ी बेटियां, कांपते हांथों की हैं लड़ी बेटियां। कवि सम्मेलन संचालक प्रद्युम्न नाथ त्रिपाठी ‘करुणेश’ ने राजनीति पर तंज करते हुए पढ़ा- राजनीति के ठीकेदारों मेरा देश महान कहाँ है, उत्तर तुमको देना होगा मेरा हिन्दुस्तान कहाँ है! अध्यक्षीय काव्यपाठ करते हुए राम लखन शुक्ल ने कविता पढ़ी- जो रिश्तें होते हैं नापाक प्रायः टूट जाते हैं, अचानक बुलबुले पानी के पल में फूट जाते हैं। कार्यक्रम के उपरांत अंतर्राष्ट्रीय क्रियायोग गुरु स्वामी योगी सत्यम् के उद्बोधन, के साथ कवि सम्मेलन समाप्त हुआ।