40 वर्ष से माघ मेला, अर्ध कुंभ व कुंभ मेले में चल रहा विशाल अन्नक्षेत्र
प्रयागराज। ओम नमः शिवाय संस्था प्रयागराज का विशाल अन्नक्षेत्र माघ मेला के दर्जन भर स्थानों पर चल रहा था उसका समापन आज हो गया । इस बार माघ मेले के दौरान ओम नमः शिवाय के विशाल अन्नक्षेत्र में करीब डेढ करोड स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं, प्रशासन, पुलिस, जल निगम, लोक निर्माण विभाग सहित सभी सरकारी विभागों के हजारों कर्मचारियों और सफाई कर्मचारी सहित लाखों छात्रों ने करीब दो माह तक मेला क्षेत्र के दर्जन भर स्थानों पर दिन – रात चलने वाले अन्नक्षेत्र में प्रसाद ग्रहण किया।
ओम नमः शिवाय के पूज्य गुरुदेव ने बताया कि माघ मेला के परेड मे प्रदेश के डिप्टी सीएम डा दिनेश शर्मा ने अन्नक्षेत्र का शुभारंभ किया था। उसके बाद से मेला क्षेत्र में पांच स्थानों पर अन्नक्षेत्र के लिए खाना बन रहा था जबकि दर्जनभर स्थानों पर दिन-रात स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं, सरकारी कर्मचारियों, छात्रों और हजारों सफाई कर्मचारियों को दिन – रात खाना खिलाया गया।
उन्होंने बताया कि अन्नक्षेत्र में प्रतिदिन 80 से 90 कुंतल खाध सामग्री लग रही है जबकि मुख्य स्नान पर्व पर डेढ से 2 टन खाद्य सामग्री पर खर्च होती है। ओम नमः शिवाय के पूज्य गुरुदेव प्रभु जी का कहना है कि देश ही नहीं विश्व के लाखों लोग स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग आते हैं ऐसे मे बिना खाना खाए कोई वापस ना जाए इसलिए दिन- रात लाखों लोगों के खाने के लिए विशाल अन्नक्षेत्र की व्यवस्था होती है। उन्होंने कहा कि माघ मास में दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्त होती है। ओम नमः शिवाय का माघ मेला क्षेत्र में पांच स्थानों पर विशाल अन्नक्षेत्र मे खाना बनता है जिसमे परेड, किला रोड, संगम मुख्य मार्ग सहित अन्य स्थान है। उसके बाद दर्जनों स्थानों पर खाने का वितरण श्रद्धालुओं और संस्थाओं मे होता है जबकि पुलिस, प्रशासन, सिंचाई विभाग, लोनिवि, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के लोगों को खाना खिलाया जाता है।
ओम नमः शिवाय के पूज्य गुरुदेव ने बताया कि अन्नक्षेत्र मे प्रतिदिन एक ट्क आलू, 10 कुंतल मटर, 500 फूल गोभी, 10 कुंतल टमाटर, दो कुंतल मिर्चा, एक कुंतल अदरक, 60 कुंतल चावल, 25 कुंतल आटा, पांच कुंतल बेसन, रिफाइंड 100 टिन, 25 टिन घी, राई एक कुंतल, हींग 15 किलो सहित अन्य खाद्य सामग्रियों की खपत अन्नक्षेत्र में हो रही है। पूज्य गुरुदेव ने बताया कि मुख्य स्नान पर्व मकर सक्रांति, पौष पूर्णिमा और मौनी आमावस्या पर खाद्यान्न सामग्रियों की खपत अन्नक्षेत्र में दुगुना हो जाती है क्योंकि स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की संख्या मुख्य स्नान पर्व के पहले से लेकर एक दिन बाद तक अन्नक्षेत्र मे खाधान्न की खपत बढ जाती है। उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर आटा की खपत 50 से 70 कुंतल,मटर 30 कुंतल, गोभी 1000 फूल, मिर्चा 20 कुंतल, अदरक 15 कुंतल, चावल 200 कुंतल, बेसन 30 कुंतल, रिफाइंड 250 टिन, देशी घी 30 टिन, मेथी 15 कुंतल, राई 15 कुंतल, हींग 15 किलो, बैगन 20 कुंतल, बूंदी 30 कुंतल, दूध 500 लीटर, दही 500 किलो सहित अन्य खाद्य सामग्रियों का उपयोग अन्नक्षेत्र मे होता है। यह अन्नक्षेत्र माघी पूर्णिमा तक चलेगा। पूज्य गुरुदेव ने बताया कि कोविड 2019, 2020 और 2021 के दौरान प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ और अयोध्या में लाखों प्रभावित लोगों, मजदूर और प्रतियोगी छात्रों को प्रतिदिन खाना, नाश्ता और पानी की बोतल दिया गया जबकि छोटे बच्चों को दूध और बिस्किट सहित अन्य खाद्य सामग्री दी गयी। पूज्य गुरुदेव ने कहा कि मेरा उददेश्य है कि बिना खाना खाये कोई सोने न पाये। उन्होंने कहा कि तीर्थराज प्रयाग में माघ मास में अन्नदान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।