मां शैलपुत्री की इन 4 मुहूर्त में भूलकर भी न करें पूजा, नोट कर लें घटस्थापना का समय

मां दुर्गा की उपासना का पर्व नवरात्रि आज यानी 07 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। शारदीय नवरात्रि 14 अक्टूबर को समाप्त होंगे, इसके अगले दिन यानी 15 अक्टूबर को दशहरा या विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना का भी विशेष महत्व होता है। कुछ जगहों पर इसे घट स्थापना कहा जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल मां दुर्गा का पालकी पर आगमन होगा और माता रानी हाथी पर सवार होकर विदाई लेंगी। जानिए घटस्थापना का मुहूर्त और आज के अशुभ मुहूर्त-चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन, कलश, सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज), पवित्र स्थान की मिट्टी, जल (संभव हो तो गंगाजल), कलावा/मौली, आम या अशोक के पत्ते (पल्लव), छिलके/जटा वाला, नारियल, सुपारी, अक्षत (कच्चा साबुत चावल), पुष्प और पुष्पमाला, लाल कपड़ा, मिठाई, सिंदूर, दूर्वा इत्यादि।

घटस्थापना का शुभ समय-

वेदाचार्य पंडित रेमश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि गुरुवार को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:23 तक होगी घट की स्थापना होगी। जबकि चित्रा नक्षत्र प्रात: 6:17 बजे से 7:07 तक कलश स्थापना कर सकते हैं।

आज के अशुभ मुहूर्त-

राहुकाल- दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक।
यमगंड- सुबह 06 बजे से 07 बजकर 30 मिनट तक।
गुलिक काल- सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक।
दुर्मुहूर्त काल- सुबह 10 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 58 मिनट तक। इसके बाद दोपहर 02 बजकर 53 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक।

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