धन-समृद्धि की इच्छा सभी रखते हैं। साथ ही कई लोग इसके लिए मेहनत भी करते हैं। लेकिन कुछ समय ऐसा आता है, जब व्यक्ति को कड़ी मेहनत के बावजूद भी पूर्ण फल नहीं मिलता है, जिसके कारण मानसिक तनाव और क्रोध उत्पन्न होने लगता है। बता दें कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन वास्तु से जुड़े कुछ गलितयों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है, जो धनहानि का कारण बनते हैं। ऐसे में वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है और कर्मों का पूर्ण फल प्राप्त होता है।ज्योतिष शास्त्र में प्रातः और संध्या पूजा का विशेष महत्व बतया गया है। मान्यता है कि दोनों समय देवी-देवताओं की उपासना करने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है और सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। लेकिन सूर्यास्त के समय पूजा-पाठ के साथ-साथ व्यक्ति को वास्तु से जुड़ी कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए, जिससे माता लक्ष्मी की कृपा व्यक्ति और परिवार पर सदैव बनी रहती है। आइए जानते हैं सूर्यास्त के व्यक्ति को किन कार्यों को करना चाहिए।
सूर्यास्त के समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान
- वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि व्यक्ति को सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्यदेव को प्रणाम करना चाहिए। ऐसा करने से घर परिवार में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और कई प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं।
- हिन्दू धर्म में संध्या पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए सूर्यास्त के बाद घर में बने मन्दिर में और तुलसी के पौधे के निकट दीपक जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद घर के किसी भी कोने में अंधकार नहीं रहना चाहिए। ऐसा होने से नकारात्मक उर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है और व्यक्ति के जीवन में समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। इसलिए घर के हर कोने में जहां रौशनी का आभाव है, वहां दीपक जरूर जलाएं।
- वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि सूर्यास्त के समय व्यक्ति को बिस्तर पर न तो लेटना चाहिए और न ही सोना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है और माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
- सूर्यास्त के समय व्यक्ति को अपने पितरों का स्मरण करते हुए उन्हें नमन करना चाहिए। ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। ऐसा करने से देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं।