महाप्रबंधक ने उत्तर मध्य रेलवे की 100वीं ट्र्रैक मशीन को हरी झंडी दिखा किया रवाना

प्रयागराज।  आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ही उत्तर मध्य रेलवे की 100वीं आधुनिक ट्रैक मशीन के ट्रायल व कार्ययुक्त कमीशिनिंग का उद्घाटन महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे  प्रमोद कुमार ने सीपीओच, सूबेदारगंज, प्रयागराज में किया। ज्ञात हो कि, भारतीय रेल के बढ़ते विस्तार व गति में रेलवे ट्रैक का आधुनिकीकरण एक प्रमुख भूमिका निभाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्षों के दौरान रेलगाड़ियों की गति एवं संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई हैं। यात्री गाडियों के अलावा मालगाड़िंयो की वहन क्षमता, गति एवं संख्या में रेलवे ने एक नया आयाम स्थापित हुआ है। इस निरंतर गति से चलती रेलगाडियों के पीछे रेलपथ का अनुरक्षण एवं नवीनीकरण तथा उच्च तकनीक का समावेश एक प्रमुख कड़ी साबित हुआ है।

आज रेलपथ का अनुरक्षण एवं नवीनीकरण अत्याधुनिक आयातित ट्रैक मशीनों के माध्यम से किया जाता है। 1965 में भारतीय रेल में पहली आयातित ट्रैक मशीन का पदार्पण हुआ था। जिन लकड़ी के स्लीपरयुक्त रेलवे पथ की मरम्मत श्रमिकों द्वारा की जाती थी आज उनके बदले प्रयोग में आ रहे कंक्रीट स्लीपरयुक्त ट्रैक का अनुरक्षण बिना ट्रैक मशीन के सम्भव नही है। वर्तमान में भारतीय रेल में लगभग 1000 से ज्यादा विभिन्न प्रकार की ट्रैक मशीने रेलपथ का रखरखाव एवं मरम्मत कर रही है। एक स्लीपर की टैम्पिंग करने वाली यूनिट टैंपिंग मशीन से शुरू हुई यह यात्रा 03 स्लीपर की एक साथ टैम्पिंग के लिए प्रयुक्त डायनेमिक टैम्पिंग एक्सप्रेस तक जा पहुँची है और निरन्तर विश्व स्तर की आधुनिक मशीने रेलपथ के रखरखाव हेतु भारतीय रेलवे में प्रयुक्त की जा रही है जिसके फलस्वरूप ट्रेनो की गति तथा यात्री सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

उत्तर मध्य रेलवे की यह 100वीं मशीन यूनिमैट 4×4 / 45 टर्नआउट के टैम्पिंग एवं लाइनिंग लेवलिंग के लिए प्रयुक्त की जाती है। इससे एक साथ 04 रेलो की टैम्पिंग एक साथ की जा सकती है।  इस मशीन में आधुनिक कम्पूटरीकृत कार्य प्रणाली ( CWS) आटोमैटिक गाइडिंग कम्प्यूटर ( ALC ) तथा इलेक्ट्रानिक माइको कंट्रोलर कार्यप्रणाली प्रयुक्त किया गया है। इस मशीन के द्वारा ट्रैक की माप एवं सुधार आटोमैटिक मेजरिंग के द्वारा करना सम्भव हो सकेगा एवं रेल पथ पर चलने वाली गाडियो तथा चलने वाले यात्रियों को सुगम यात्रा अनुभव होगा। ट्रैक के टर्नआउट पर ट्रेनो का सूक्ष्म संचालन द्रुतगति से सम्भव हो सकेगा।

उक्त ट्रैक मशीनो का संचालन प्रमुख मुख्य इंजीनियर एस के मिश्रा एवं मुख्य इंजीनियर  आर के श्रीवास्तव के दिशा-निर्देशन में पूरे उत्तर मध्य रेलवे मे किया जाता है। इस अवसर पर उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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