प्रयागराज। महापौर प्रयागराज अभिलाषा गुप्ता नन्दी द्वारा मलाकराज में जलभराव की समस्या के दृष्टिगत छीतपुर में निर्मित होने वाले नाले का निरीक्षण तथा तुलसी पार्क के आसपास पेयजल की समस्या के निदान हेतु एक बड़े नलकूप के रिबोर कार्य का शुभारंभ किया गया । निरीक्षण अथवा कार्य प्रारंभ के समय जोनल अधिकारी संजय ममगई, महाप्रबंधक जलकल हरिश्चंद्र वाल्मीकि, अधिशासी अभियंता सौरभ श्रीवास्तव जलकल, नगर अभियंता अनिल मौर्य, सहायक अभियंता ए.के. सिंह, अवर अभियंता आर.के मिश्रा, क्षेत्रीय पार्षद अकाश कुमार सोनकर, नामित पार्षद अनूप मिश्रा आदि उपस्थित रहे ।
सर्वप्रथम छीतपुर में निर्माण कार्य किए जाने वाले नाले का निरीक्षण किया गया । उक्त नाले से मलाकराज तथा लकड़ी मंडी, नार्थ मलाका का पानी इकट्ठा होकर जॉर्ज टाउन स्थित नाले में जाकर गिरता है । उक्त नाले में काफी जलकुंभी होने के कारण पानी का बहाव अवरुद्ध रहता है तथा छीतपुर तथा सीएमपी कॉलेज के पास स्थित नाला छीतपुर नाले से ऊंचे होने के कारण पानी का बहाव काफी अवरुद्ध रहता है । बरसात के दिनों में इसी वजह से मलाकराज तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों में जल प्लावन की स्थिति उत्पन्न रहती है । रेलवे विभाग में रेल लाइन के निर्माण के समय जो पुलिया का निर्माण किया गया, वह मालक राज की तरफ से लगभग 1 से 2 फीट ऊंचा है जिस कारण पानी का जमाव हर वक्त बना रहता है तथा पानी का बहाव अवरुद्ध रहता है । स्थानीय पार्षद द्वारा बताया गया कि उक्त स्थान पर लगभग 10 फीट के लगभग दलदल है । महापौर जी द्वारा उपस्थित अभियंताओं से कहा गया कि तब तो साधारण नाला निर्माण कार्य किया जाना संभव नहीं है इस ह्यूम पाइप डालकर पानी की निकासी का कार्य कराया जाना ही संभव है ।
तुलसी पार्क अल्लापुर में लगा नलकूप खराब हो जाने के कारण उक्त क्षेत्र में निवासियों को पेयजल की काफी समस्या उत्पन्न हो गई थी, जिस कारण उक्त स्थान पर ही बड़े नलकूप के रिबोर का कार्य प्रारंभ कराया गया । रिबोर की लागत लगभग 39.00 लाख है । रिबोर का कार्य पूर्ण हो जाने पर उक्त क्षेत्र में लगभग 5000 परिवारों की पेयजल की समस्या का निराकरण हो जाएगा ।
अतः उक्त के संबंध में उपस्थित अभियंताओं को आदेशित किया जाता है कि नाले का निर्माण ह्यूम पाइप के माध्यम से तत्काल कराया जाना सुनिश्चित किया जाए ताकि बरसात आने से पूर्व तालाब क्षेत्र में ह्यूम पाइप पढ़ सके तथा जिन बस्तियों में जल प्लावन की स्थिति उत्पन्न होती है, उससे बचा जा सके । इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए ।