महान क्रांतिकारियों के बलिदान को हमें नहीं भूलना है -महापौर

क्रांतिकारियों की बदौलत हमें आजादी मिली- अवधेश चंद्र गुप्ता
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1 नवंबर 1858 को प्रयागराज बनी थी देश की राजधानी
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 प्रयागराज।प्रयाग गौरव अनुभूति आयोजन समिति प्रयागराज के तत्वाधान में मिंटो पार्क में आज ही के दिन 1 नवंबर 1858 ब्रिटिश सरकार के द्वारा प्रयागराज 1 दिन की राजधानी बनाए जाने को लेकर स्वतंत्रता आंदोलन में जुटे महान क्रांतिकारियों को याद किया गया उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई अवसर पर महापौर गणेश केसरवानी ने कहा कि जब देश में ईस्ट इंडिया कंपनी राज करती थी और उसके अत्याचार से देश के कोने-कोने में आजादी के लिए आंदोलन की आवाज उठने लगी थी और जब आंदोलन क्रांति का रूप ले लिया और आगे चलकर 1857 की क्रांति शुरू हुई और उसे क्रांति से घबराकर अंग्रेजी हुकूमत ने देश की आवाम से माफी मांगा और विकास का वादा किया और देश का शासन अपने हाथों में ले लिया और उस दौरान देश की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी सत्ता हस्तांतरण होने के लिए ब्रिटेन की रानी विक्टोरिया ने प्रयागराज के मिंटो पार्क में 1 नवंबर 1958 को प्रयागराज को देश की एक दिन के लिए राजधानी बनानी पड़ी और कहा किआज का दिन हमें अत्याचारी ब्रिटिश शासन की याद दिलाता है और महान क्रांतिकारियों की याद दिलाता है कि अपने आप को कुर्बान करके हमें अत्याचारी शासन से मुक्त कराया और देश को आजाद कराया ऐसे में हमें अपने महान क्रांतिकारियों को भूलना नहीं है कार्यक्रम की संयोजक भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवधेश सिंह गुप्ता ने कहा कि देश की आजादी के लिए हमारे महान क्रांतिकारियों ने अपने आप को समर्पित कर दिया और क्रांतिकारियों की बदौलत ही हमें आजादी मिली है इसलिए हम सब की जिम्मेदारी है कि अपने महान क्रांतिकारियों के आदर्श को स्थापित करें
  इस अवसर परप्रमोद जायसवाल ,विवेक अग्रवाल ,राजेश केसरवानी, रामलोचन साहू ,रोहित पप्पू पांडे, विपुल मित्तल, दिनेश विश्वकर्मा अजय अग्रहरि, मनोज मिश्रा, पार्षद मुकेश लारा, गौरव गुप्ता, कुंजन त्रिपाठी, हरीश केसरवानी, अंजू शुक्ला, विवेक मिश्रा, आदि अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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