मलाक हरहर में कवि गोष्ठी का आयोजन

प्रयागराज |
दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा श्रद्धेय लालबहादुर शास्त्री की जयन्ती के अवसर श्रृंगारपुर मलाक हर-हर में वरिष्ठ कवि रामकुमार कुशवाहा के निवास पर बूढे ,बच्चे ,जवानों से भरी भीड के बीच ग्रामीण वातावरण में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि केशव सक्सेना ने की । मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि रामकुमारकुशवाहा तथा विशेष अतिथि दशरथ लाल पाल रहे ।संचालन कवि अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वारा किया गया ।सर्वप्रथम मां सरस्वती तथा दोनों सपूतों के चित्र पर फूलमाला अर्पित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अनिल कुमार श्रीवास्तव की सरस्वती वन्दना से शुरु हुआ-
वीणापाणि कृपा कर दे
आपकी कृपा से ही गीत सृजन होगा।
कवि रामकुमार कुशवाहा ने भी मां पर गीत पढा —
हे मां निज निज करुं प्रणाम।
आशीर्वाद बना रहे
जग में हो मेरा नाम।
कवि केशव सक्सेना ने कविता पढ़ी–
आज दो अक्टूबर को हम सब मिल।
दो सपूतों की जयन्ती मना रहे हैं।
शत शत बार इनको नमन करके
हृदय से श्रृद्धा सुमन चढा रहे हैं।
कवि रामकुमार कुशवाहा ने गीत पढा —
हे धोती कुर्ता भारत की शान।
यही बुज़ुर्गो का है निशान ।
देश विदेश में नाम कमाये ।
हे भारत की शान ।
घर हो या पंचायत
बने दुल्हन गुणगान।
पहने गांधी, शास्त्री,पटेल
दिये भाषण अटल जी
ऐसेम्बली मैदान ।
कवि अनिल कुमार श्रीवास्तव ने गीत पढा-
दोस्तो पहले देश था गुलाम।
होता जा रहा है
आज मनुष्य गुलाम।
भाई-भाई का खून करके
होता जा रहा है
इन्सान हैवान।
इसके अतिरिक्त अन्य उपस्थित कवियों के द्वारा काव्य पाठ किया गया।
अन्त मे दशरथ पाल द्वारा सबका धन्यवाद ज्ञापन के बाद गोष्ठी का समापन किया गया।

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