मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के इंफाल के कोंगबा स्थित आवास फिर हमला किया गया। महिला रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मंत्री आवास पर पथराव किया और मांग की कि जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य की स्थिति के बारे में वे संसद में बोलें।
दो महीने में यह दूसरी बार है जब विदेश राज्य मंत्री के घर पर हमला हुआ है। हालांकि, हमले के वक्त घर पर कोई मौजूद नहीं था और ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। 15 जून की रात को भी केंद्रीय मंत्री के घर में कुछ लोगों ने पेट्रोल बम से आग लगा दी थी।
मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने निकाली रैली
इस बीच, मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी राज्य में शांति बहाली की मांग को लेकर दिन में रैली निकाली। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे क्योंकि कुछ युवा प्रतिबंधित क्षेत्र में घुस गए थे। मंत्री आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की भी मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।
हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत
बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च निकालने के बाद से राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। राज्य में मैती समुदाय की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं जबकि कुकी और नगा आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।इस बीच मणिपुर में खाद्यान्न और अन्य आवश्यक सामग्री के संकट के बीच सोमवार को पहली मालगाड़ी गुवाहाटी से राज्य के तमेंगलोंग जिले के खोंगसांग रेलवे स्टेशन पहुंची।
मैती समुदाय का मिजोरम से पलायन जारी
उधर, मिजोरम में एक पूर्व उग्रवादी संगठन से धमकी मिलने के बाद मैती समुदाय का मिजोरम से पलायन जारी है। रविवार और सोमवार को कुल मिलाकर 200 लोग मिजोरम छोड़ असम के सिलचर में पहुंच चुके हैं। मिजोरम में मंगलवार को निकाले जाने वाले एकता मार्च के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
महिलाओं की अगुआई में भीड़ ने खाली मकानों, स्कूल में लगाई आग
राज्य में चूड़चंदपुर के तोरबुंग बाजार इलाके में हथियारबंद बदमाशों ने कम से कम 10 खाली पड़े मकानों और चिल्ड्रन ट्रेजर हाई स्कूल में आग लगा दी। पुलिस ने सोमवार को बताया कि बदमाशों की भीड़ के आगे सैकड़ों महिलाएं बतौर मानव ढाल चल रही थीं। भीड़ ने शनिवार शाम को किए गए हमले के दौरान कई गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके।
बीएसएफ की गाड़ी छीनने का महिलाओं ने किया प्रयास
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि हमने जब देखा कि सैकड़ों महिलाओं की अगुआई में भीड़ आगे बढ़ रही है तो हम गोलीबारी का जवाब देने में हिचकिचाए लेकिन जब हमने उन्हें बीएसएफ का एक वाहन छीनने की कोशिश करते और हमारे मकान जलाते देखा तो हमें लगा कि अब हमें भी जवाब देना होगा। उसके बाद बीएसएफ और हमारे स्वयंसेवकों की जवाबी कार्रवाई के बाद भीड़ लौट गई।
महिलाओं की नग्न परेड मामले में 14 और लोगों की पहचान
मणिपुर पुलिस ने दो महिलाओं की नग्न परेड के मामले में 14 और लोगों की पहचान की है और उन्हें गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई इस घटना के संबंध में पुलिस छह लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। घटना का 26 सेकेंड का वीडियो पहली बार 19 जुलाई को सामने आया था। वीडियो में नजर आ रही महिलाओं में से एक महिला असम रेजीमेंट में सूबेदार के तौर पर सेवाएं दे चुके और करगिल युद्ध लड़ चुके सेना के एक पूर्व जवान की पत्नी है।
म्यांमार में हत्या का वीडियो मणिपुर का बताकर किया प्रसारित, केस दर्ज
मणिपुर पुलिस ने सोमवार को एक फेक न्यूज के मामले में एफआइआर दर्ज की है। प्रसारित वीडियो में हथियारबंद लोगों द्वारा एक महिला की हत्या करते हुए दिखाया गया है, यह वास्तव में म्यांमार की घटना है मगर इसे राज्य में हुई एक घटना के रूप में दर्शाया गया है। पुलिस ने ट्वीट किया कि यह क्लिप दंगा भड़काने के लिए प्रसारित की जा रही है और फर्जी खबर फैलाने वालों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में जल्द से जल्द शांति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।