प्रयागराज। नैनी स्थित ओमेक्स रियल स्टेट कंपनी “वाटर फ्रंट हाईटेक इंटीग्रेटेड सिटी“ हाउसिंग योजना में अपना मकान पाने की आस लगाए लोगों ने सोमवार को सिविल लाइंस स्थित कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया।
सोसाइटी के सदस्यों ने ऑफिस में ताला लगा दिया और दिल्ली और लखनऊ में बैठे आलाधिकारियों से बात कराने की मांग करने लगे। यहां के लोकल अधिकारी अजय मिश्रा पहले तो मामले को अपने ही स्तर पर निपटाने की कोशिश करते दिखे लेकिन सोसाइटी के लोग बात कराने की मांग पर अड़े रहे। ओमेक्स अधिकारी अजय मिश्रा ने मंगलवार को ओमेक्स कंपनी के वाइस प्रेसिड़ेंट से टेलीफोनिक बातचीत कराने की मांग मान ली। साथ ही उन बिंदुओं पर भी लिखित में जवाब देने की बात मानी जिसे लेकर सोसाइटी ने प्रश्न उठाया था।
दरअसल, ओमेक्स रियल स्टेट कंपनी की “वाटर फ्रंट हाईटेक इंटीग्रेटेड सिटी“ हाउसिंग योजना की शुरुआत 2008-09 में हुई थी। इस योजना के तहत हजारों लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगा कर अपने मकान का सपना देखा था। लेकिन भुगतान के बाद भी करीब 1800 लोगों को उनकी प्रापर्टी नहीं मिली। जब भी पीड़ित लोग अपनी प्रापर्टी की मांग करते तो यहां के अधिकारी से लेकर दिल्ली, लखनऊ के आलाधिकारी कभी कोर्ट का तो कभी कोई और बहाना बनाते रहे हैं। यही नहीं, ओमेक्स कंपनी ने इस योजना को अधर में डालकर दूसरी योजनाएं भी शुरू कर दी हैं। फिलहाल, वेलफेयर सोसाइटी के लोगों का कहना है कि जब तक उनको उनका हक नहीं मिलेगा तब तक वो लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे। साथ ही सोसाइटी के लोगों का कहना था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो आज की तरह आगे भी तालाबंदी कर ओमेक्स का कोई काम नहीं होने देंगे।
इस बारे में कम्पनी के निदेशक मनोज तिवारी ने बताया कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं अन्य आवंटियों द्वारा आपसी सुलह-समझौते के जरिये मामले के निस्तारण का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण जनहित याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा पारित अन्तरिम आदेश 28 अप्रैल 2011 के अनुपालन में मेसर्स पंचम रियलकाॅन प्रा.लि द्वारा निर्धारित क्षेत्र में निर्माण कार्य स्थगित किया गया है। परन्तु यह जनहित याचिका सुनवाई हेतु तीन न्यायाधीशों की वृहद पीठ के समक्ष लम्बित है, जिसमें उक्त रेजीमेंट एसोसिएशन भी पक्षकार है। अंत में उन्होंने कहा है कि कम्पनी के उच्च अधिकारीगण एसोसिएशन एवं आवंटियों के साथ बातचीत को तैयार हैं और शीघ्र ही एसोसिएशन एवं आवंटियों के साथ बैठक आहूत की जायेगी, जो स्थानीय प्रशासन की देख रेख में होगी।