भारत ने खुद को बाकी दुनिया से किया आइसोलेट, कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए उठाए कदम

कोरोना से लड़ाई में पूरी तरह सतर्क और सक्रिय केंद्र सरकार ने पूरे विश्व से एक सप्ताह के लिए खुद को अलग- थलग करने का फैसला ले लिया है। अभी तक यूरोपीय संघ के अलावा पांच देशों से ही उड़ानों पर प्रतिबंध था। अब विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी देश से न तो यात्री उड़ाने आएंगी और न ही जाएंगी। वहीं देश के अंदर भी आवाजाही को सीमित करने का व्यापक इंतजाम किया गया है जिसमें रेल और डोमेस्टिक फ्लाइट भी शामिल है। दरअसल भारत के लिए यह दौर कम्युनिटी ट्रांसमिशन के लिहाज से बहुत अहम माना जा रहा है। ऐसे में अगले एक सप्ताह तक सख्ती के साथ बचाव के उपाय शुरू हो गए हैं।भारत अब तक उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो कोरोना के कहर को सीमित रखने में सफल रहा है लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन का तीसरा दौर अवश्यंभावी है। कोशिश सिर्फ यह होनी चाहिए कि इसकी गति कम हो। ऐसे में उड़ाने रोकने का फैसला लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल पिछले दिनों में जितने मामले आए हैं उसमें अधिकतर ऐसे हैं जो विदेशों से संक्रमित होकर आए लोगों से फैला है। ध्यान रहे कि फिलहाल रोजाना लगभग 300 उड़ाने विदेशों से आ रही थी। अब भारत चौथा देश बन गया है जिसने सभी देशों से कुछ दिनों से लिए उड़ान रोक दी है।आंतरिक आवाजाही पर रोक तो नहीं है लेकिन इसे सीमित करने का प्रयास शुरू हो चुका है। जबकि ट्रेन व विमान यात्रा को हतोत्साहित करने के लिए छात्रों, दिव्यांगों तथा मरीजों को छोड़ बाकी सभी वर्गो को किराये में दी जाने वाली रियायतें भी फिलहाल बंद कर दी गई हैं। इसी के साथ 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गो तथा 10 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को यात्रा न करने तथा घर में ही रहने की सलाह दी है। हालांकि इलाज के लिए बाहर निकलने की छूट होगी। इसी प्रकार जन प्रतिनिधियों, सरकारी कर्मचारियों, मेडिकल स्टाफ (डाक्टर-नर्स और सहायक कर्मी) को भी इस बंदिश से मुक्त रखा जाएगा। राज्य सरकारों से कहा गया है कि प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारियों के घर से काम करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

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