भारत ने श्रीलंका से मछली पकड़ने वाली भारतीय नौकाओं पर कार्रवाई के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है ताकि कोई हताहत नहीं हो। साथ ही श्रीलंका से मत्स्य पालन मुद्दे का समाधान मानवीय आधार पर करने का आग्रह किया है।गौरतलब है कि पिछले तीन वर्ष के दौरान श्रीलंका ने कुल 329 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है जिनमें से 305 तमिलनाडु के हैं।
कुल 88 मछली पकड़ने वाली नौका श्रीलंका के कब्जे में हैं। मत्स्य पालन पर संयुक्त कार्यकारी समूह की शुक्रवार को हुई वर्चुअल बैठक में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि किसी भी परिस्थिति में बल प्रयोग को न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है। भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि दोनों देशों ने मछुआरों के साथ मानवीय व्यवहार अपनाने के महत्व को दोहराया।
बैठक में श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीलंका मत्स्य पालन मंत्रालय के सचिव आरएमआइ रथनायके और भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सचिव (मत्स्य पालन) जतिंद्र नाथ स्वैन ने किया। श्रीलंकाई पक्ष ने मछली पकड़ने वाली नौकाओं के तरीकों पर चिंता जताई और जोर देकर कहा कि जीवनयापन को होने वाली क्षति कम करने के लिए दोनों देशों को मिलकर प्रभावी उपाय तैयार करना होगा।
भारतीय पक्ष ने रचनात्मक रुख अपनाया और सहायता का आश्वासन दिया। भारत की ओर से यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए श्रीलंका पहुंच रहे हैं। विदेश मंत्री बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। जयशंकर 29 जनवरी को बिम्सटेक के मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 मार्च को बिम्सटेक समूह के डिजिटल शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।