पूर्वी लद्दाख सीमा पर स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की तरफ से बार- बार शांति भंग करने की कोशिशों पर भारत ने चीन को सख्त चेतावनी दी है कि वह भड़काऊ रवैये को छोड़ कर तनाव दूर करने के शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करे। भारत ने यह भी कहा है कि दोनो देशों के विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा पर अमन-शांति बहाली को लेकर जो सहमति बनी थी, उसका चीन बार- बार उल्लंघन कर रहा है। भारत का यह बयान तब आया है जब प्योंग त्सो झील के पास पिछले दो दिनों के भीतर दो बार भारतीय सैनिकों से मुठभेड़ की धमक बीजिंग तक सुनाई दे रही है।
चीन ने 24 घंटे में दिए तीन बयान, भारत पर लगाया आरोप
भारत के साथ सैन्य तनाव पर अभी तक तोल-तोल कर बोलने वाले चीन की तरफ से पिछले 24 घंटे में तीन बयान आ चुके हैं। वैसे इन सभी बयानों में 30 अगस्त की रात के घटनाक्रम की पूरी जिम्मेदारी भारत पर डाली जा रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि चीन के सैनिकों ने 29 व 30 अगस्त और 31 अगस्त को पूर्वी लद्दाख के प्योंग त्सो झील के दक्षिणी इलाके में यथास्थिति को बदलने की कोशिश की, जिसे भारतीय सैनिकों ने असफल कर दिया है। भारत ने आरोप लगाया है कि 30 अगस्त की घटना के बाद जब दोनो देशों के बीच हालात को सामान्य करने की बातचीत चल रही थी, तब भी चीनी सैनिकों ने आक्रामक रवैया दिखाया था जिसे असफल किया गया।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्ताव के मुताबिक, ”चीनी सैनिकों के भड़काऊ कदम को देखते हुए भारतीय सैनिकों ने आवश्यक रक्षात्मक कदम उठाये, ताकि अपने हितों और भौगोलिक संप्रभुता की रक्षा की जा सके।” पिछले दो दिनों और इसके पहले चीनी सैनिकों का रवैया पूरी तरह से द्विपक्षीय समझौतों व एलएसी पर अमन-शांति स्थापित करने की कोशिशों के खिलाफ है। साथ ही यह दोनो देशों के विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति का उल्लंघन है।