भारत के हर एक गांव में हो आरएसएस की शाखा, भागवत बोले- मतभेद छोड़कर राष्ट्र के लिए काम करें सभी नागरिक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत रविवार को असम दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने असम इकाई के एक कार्यकर्ता शिविर के समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत के हर गांव में आरएसएस  की एक शाखा होनी चाहिए और इसके प्रत्येक सदस्य को देश की प्रगति के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।

शिविर को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भारत के हर गांव में एक संघ की शाखा होनी चाहिए क्योंकि पूरे समाज ने उन्हें उनके लिए काम करने का अवसर दिया है और इसलिए स्वयंसेवकों को आगे बढ़कर समाज का नेतृत्व करना चाहिए। शिविर बाहरी लोगो के लिए आयोजित नहीं किया गया था, केवल आरएसएस कार्यकर्ताओं के लिए अनुमति थी।

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के गौरव और विरासत के प्रति पूर्ण विश्वास के साथ, स्वयंसेवकों को देश की प्रगति के लिए काम करना चाहिए और राष्ट्र सभी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए और सभी मतभेदों को छोड़कर सभी नागरिकों को राष्ट्र के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना होगा।

आरएसएस संस्थापक हेडगेवार को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्र के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार रहना होगा। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में मानव संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से आरएसएस की स्थापना की थी। हमारे विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमारे दिमाग में नहीं। उन्होंने कहा कि कमजोर समाज राजनीतिक स्वतंत्रता का आनंद नहीं ले सकता। हालांकि, यह नहीं बताया कि उनके भाषण में “राजनीतिक स्वतंत्रता” से उनका क्या मतलब था।

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