भारत के सबसे बड़े हवाई अभ्यास Tarang Shakti में शामिल हुईं कई देशों की वायुसेना

ऐसे में जबकि विश्व के कई देश युद्ध और संघर्ष में उलझे हुए हैं तब भारत 30 मित्र देशों के साथ मिल कर सबसे बड़ा हवाई अभ्यास कर रहा है। इस अभ्यास का एक उद्देश्य हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना भी है। हम आपको बता दें कि तमिलनाडु के सुलूर में अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ का पहला चरण मंगलवार को शुरू हुआ। देश के सबसे बड़ा बहुपक्षीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ का पहला चरण छह से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलूर में आयोजित किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना (आईएएफ), रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ), जर्मनी, स्पेन और फ्रांस की वायुसेना इस पहले बहुपक्षीय अभ्यास के पहले चरण में भाग ले रहे हैं। हम आपको बता दें कि यह अभ्यास एक चुनौतीपूर्ण वातावरण में विभिन्न देशों को भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर काम करने का मौका देता है, जिससे सबकी अंतर-संचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

इस अभ्यास के जो वीडियो सामने आ रहे हैं वह दुश्मन का दिल दहला देने के लिए काफी हैं। हम आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और सिंगापुर सहित 10 देशों के लड़ाकू विमान इस अभ्यास में शामिल होने पहुँचे हैं। अभ्यास के पहले दिन जर्मन वायु सेना के ए-400 एम विमान ने ‘तरंग शक्ति’ में भाग लिया। हम आपको बता दें कि दो चरणों में आयोजित होने वाले इस अभ्यास का उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करना और इस अभ्यास में भाग लेने वाली सेनाओं को एक-दूसरे के साथ काम करने का मंच प्रदान करना है। इस अभ्यास का दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक राजस्थान के जोधपुर में होगा। इसमें 18 देश पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे।

हम आपको बता दें कि इस अभ्यास की खास बात यह है कि पहली बार जर्मन वायु सेना भारतीय वायुसेना के साथ उड़ान भर रही है। इस बारे में भारत में जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने कहा है कि उनका देश ‘टच द स्काई विद ग्लोरी’ अभ्यास में शामिल होकर बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा है कि हम भविष्य में भी भारत के साथ अभ्यास करेंगे। उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि अक्टूबर में जर्मनी का युद्धपोत गोवा आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र में हमारी बढ़ती भागीदारी और भारत गणराज्य के साथ हमारी बढ़ती सामरिक सैन्य साझेदारी को दर्शाता है।

इस बीच, ब्रिटेन सरकार ने एक बयान में कहा है कि 130 कर्मियों, छह ‘यूरोफाइटर टाइफून’, दो ‘ए330 वॉयजर एयर-टू-एयर रिफ्यूलर’ और एक ‘ए-400एम’ सैन्य परिवहन विमान से युक्त आरएएफ दल तमिलनाडु के सुलूर वायुसेना स्टेशन पर पहुंच कर अभ्यास में हिस्सा ले रहा है।

हम आपको यह भी बता दें कि इस अभ्यास में भारत अपने स्वदेशी लड़ाकू विमानों और उपकरणों का प्रदर्शन कर रहा है। भारत के तेजस, राफेल, मिराज 2000, जगुआर, मिग 29 विमान, और अन्य लड़ाकू विमान अभ्यास में भाग ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभ्यास में भाग लेने वाले देशों के रक्षा कर्मी भारत की तकनीकी कंपनियों का भी दौरा करेंगे। बताया जा रहा था कि इस अभ्यास में बांग्लादेश भी भाग लेने वाला था लेकिन वहां के हालात को देखते हुए अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश की वायुसेना इस अभ्यास में शामिल होने आई है या नहीं।

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