भूकंप प्रभावित तुर्किये की मदद के लिए भारत ने ऑपरेशन दोस्त शुरू किया है। जिसके तहत एनडीआरएफ और भारतीय सेना के जवान तुर्किये पहुंच चुके हैं और वहां राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। भारतीय सेना ने तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों के इलाज के लिए एक फील्ड अस्पताल भी बनाया है। तुर्किये में भारत के राजदूत विरेंद्र पॉल ने बताया कि भारत से पांच सी-17 एयरक्राफ्ट तुर्किये पहुंच चुके हैं। अभी लोगों को खोजने और बचाने के साथ ही उन्हें चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराना प्राथमिकता है। एनडीआरएफ के 101 जवान भूकंप का केंद्र रहे गजियांटेप इलाके में राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने हाते प्रांत में 30 बिस्तरों वाला एक फील्ड अस्पताल तैयार किया है, जहां लोगों का इलाज किया जा रहा है। दो सी-17 एयरक्राफ्ट, मेडिकल टीम और जरूरी सामान को लेकर तुर्किये पहुंचे हैं। तुर्किये में हालात काफी गतिमान हैं, हर दिन नई जरूरतें सामने आ रही हैं। जहां तक भारत की बात है हम लोगों की जरूरत का ध्यान रख रहे हैं। राजदूत ने बताया कि तुर्किये में 3000 भारतीय रहते हैं, जिनमें से अधिकतर भूकंप प्रभावित इलाकों में नहीं रहते हैं। कई लोग वहां से जा चुके हैं। हम लोगों के संपर्क में हैं फिलहाल किसी भारतीय के भूकंप प्रभावित इलाके में फंसे होने की सूचना नहीं है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि भारतीय सेना के इस अस्पताल में मेडिकल, सर्जिकल और इमरजेंसी वार्ड के साथ ही एक्सरे लैब, मेडिकल स्टोर की सुविधा मिल रही है। बता दें कि तुर्किये में आए 7.8 मैग्नीट्यूड के भूकंप से भारी तबाही मची है। इस भूकंप में हजारों इमारतें धराशायी हो गई हैं और अभी तक 24 हजार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने तुर्किये के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें राहत बचाव कार्य के लिए जरूरी उपकरणों के साथ रवाना की थी। एनडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार को ही तुर्किये की सेना के साथ मिलकर 8 साल की बच्ची को भूकंप के मलबे से सुरक्षित निकाला था।