प्रयागराज। भारतीय और म्यांमार वायु सेना के बीच पहली मानवीय सहायता और आपदा राहत का तीन दिवसीय अभ्यास का समापन गुरूवार को वायु सेना स्टेशन बमरौली में हुआ।
अभ्यास के अंतिम दिन प्रतिभागियों को एमआई 17 हेलीकॉप्टर द्वारा आपदाग्रस्त क्षेत्र से फंसे लोगों को निकालने का लाइव प्रदर्शन दिखाया गया। भारतीय वायु सेना की टीम ने म्यांमार वायु सेना टीम को कार्यवाहक निकासी प्रक्रिया और संचार सेटअप (ऑपरेशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा) भी प्रदर्शित किया।
इस अवसर पर एयर कमोडोर सुरेश ने कहा कि दोनों वायु सेना के भाग लेने वाले सदस्य, तीन दिवसीय अभ्यास में एचएडीआर संचालन में प्रक्रियाओं की समानता को समझने में सक्षम थे। प्रतिभागियों ने एक दूसरे से सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखा। उन्होंने सूचना और मीडिया इंटरैक्शन के प्रवाह को प्रबंधित करने के लिए संचार और आईटी क्षमताओं को साझा किया। प्रतिभागियों ने कार्य-कारण, मृत्यु दर और विशिष्ट उपचार के प्रबंधन के लिए तंत्र पर विचार-विमर्श किया। भविष्य में संयुक्त एचएडीआर मिशनों के प्रभावी और तेजी से निपटने के लिए साझा संपर्क विवरण पर चर्चा हुई। अंत में दोनों टीम के नेताओं ने स्मरण के टोकन के रूप में स्मृति चिन्ह का आदान-प्रदान किया।
सामान्य रूप से विदेशी देशों के साथ इस प्रकृति के अभ्यास और पड़ोसी विशेष रूप से एक दूसरे को काम करने की संस्कृति, क्षमताओं को समझने में मदद करते हैं और एक स्वस्थ संबंध स्थापित करने का अवसर प्रदान करते हैं, जो संकट की स्थिति में काम आता है। एमएएफ के सदस्यों ने प्रयागराज शहर को देखने का अवसर लिया और संगम, किला, आनंद भवन और संग्रहालय जैसे स्थानों का दौरा किया।