नैनी, प्रयागराज 2 नवंबर।
भागीरथी लोक सेवा संस्थान प्रयागराज के नैनी परिसर में ज्योतिष अनुसंधान हेतु प्रारंभ किए जा रहे भागीरथी ज्योतिष अनुसंधान एवं परामर्श संस्थान का आज भव्य उद्घाटन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’ संस्थापक अध्यक्ष वॉइस ऑफ टीचर्स उपस्थित रहे।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’ नें कहा कि ‘ज्योतिष सूर्य आदि ग्रहों की गणना मात्र ना होकर सत्य तत्व का अन्वेषण है जो ईश्वर की सत्ता का प्रकटीकरण भी है जिसका शाब्दिक अर्थ ईश्चर का प्रकाश होता है, ज्योतिष वेद की वांग्मय स्वरूप की चक्षु होकर मानव मात्र का मार्गदर्शन कर रही है। आचार्य श्री मिश्र नें आगे अपने संबोधन में कहा कि ज्योतिष गणित के साथ-साथ एक पूर्ण विज्ञान है जो वर्तमान के विज्ञान की परिधि में स्व परिभाषित है, ज्योतिष के द्वारा खगोल विज्ञान के साथ-साथ चिकित्सा विज्ञान का भी समुचित अध्ययन किया जा सकता है, कुंडली में विवाह, व्यवहार एवं स्वास्थ्य संबंधी निषेध पूर्णतया चिकित्सा विज्ञान की अवधारणा के अनुरूप ही होते हैं। ज्योतिष अनुसंधान संस्थानों का यह दायित्व है कि वह समाज में ज्योतिष को भविष्य जानने की विद्या की प्रचलित अवधारणा से आगे जाकर मार्गदर्शक विद्या के रूप में स्थापित करें, जिससे मानव-समाज ज्योतिष जैसे महाज्ञान से लाभान्वित होकर अपना कल्याण कर सके।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित आचार्य प्रेम सागर शुक्ल ने भागीरथी लोक सेवा संस्थान को लोक सेवा के संकल्प में सदैव तत्पर रहने वाली संस्था बताते हुए कहा कि ज्योतिष के क्षेत्र में भी इनका प्रयास सराहनीय रहेगा।
कार्यक्रम में विशिष्ट उपस्थिति के रूप में आचार्य राम गोविंद द्विवेदी जी नें संस्थान को प्रयागराज की प्रतिष्ठा के अनुकूल कार्य करने वाली संस्था बताया।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा परिसर का फीता काटकर समारंभ किया गया, तदोपरांत दीप प्रज्वलन एवं पंचोपचार पूजन द्वारा देवार्चना की गई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भागीरथी लोक सेवा संस्थान के संस्थापक प्रबंधक आचार्य रामजस द्विवेदी, सचिव श्री अजय पाण्डेय, आचार्य सूर्य प्रकाश शुक्ल, विनीत द्विवेदी, बाल मुकुंद त्रिपाठी, साईं श्याम मिश्र, आशीष कृष्ण त्रिपाठी आदि के साथ सैकङों कर्मकांडी विप्र आचार्य उपस्थित रहे।