एक जहाज उड़ान भरती है, जिसे जाना तो फ्रांस की राजधानी पेरिस था। लेकिन जब वो फ्यूल भरवाकर एथेंस से उड़ान भरता है तो उसे हाईजैक कर लिया जाता है। हाईजैकर विमान को हाईजैक करने के बाद लिबिया की ओर लेकर गए। लीबिया के शहर बेंगहाजी में विमान में ईंधन भरा जाता है। बेंगहाजी में करीब सात घंटे तक रुकने के बाद विमान एक बार फिर उड़ान भरता है। हाईडजैकर्स के इशारे पर इस बार विमान का रुख अफ्रीकी देश युगांडा की तरफ था। युगांडा इजराइल से 4000 किलोमीटर दूर था। युगांडा का सैनिक तानाशाह ईदी अमीन था जो पहले कभी इजराइल का दोस्त हुआ करता था, लेकिन फाइटर जहाज की खरीद को लेकर इजरायल से उसके रिश्ते बिगड़ गए। ईदी अमीन के बारे में कहा जाता था कि वे अपने दुश्मनों का सिर काट कर फ्रिज में रखा करता था और मानव के मांस को खाना पसंद करता था। जब युगांडा में प्लेन लैंड किया था तो ईदी अमीन हाईजैकर्स के पास मिलने भी गया था और फिर अफ्रीकी एकता संगठन की बैठक में भाग लेने ईदी अमीन मॉरीशस चला गया। युगांडा के तानाशाह ने अपने सैनिकों को हाईजैकर्स की सुरक्षा में एंटेबे एयरपोर्ट पर लगा दिया। जहाज को हाईजैक करने वाले आतंकवादियों में दो फिलिस्तीन और दो जर्मनी के नागरिक थे और पांच आतंकवादी पहले से युगांडा में इंतजार कर रहे थे। अपहरणकर्ताओं ने यहूदियों को अलग किया फिर फिलिस्तीनी नागरिकों की रिहाई की मांग की। बाकी देश के नागरिकों को आतंकवादियों ने छोड़ दिया। इधर इजरायल के वॉर रूम में सारी तैयारी हो रही थी और मोसाद को इसकी जिम्मेदारी दी गई। जिन अन्य देशों के नागरिकों को छोड़ा उनसे एयरपोर्ट के पास ही सारी जानकारियां ली गई। एंटेबे एयरपोर्ट को बनाने का काम एक इजरायली कंपनी ने ही किया था, जिसकी वजह से पूरा नक्शा उसके पास मौजूद था। आतंकवादियों ने 4 जुलाई की आखिरी तारीख रखी थी। मोसाद ने 3 जुलाई को रात 1:00 बजे का वक्त चुनाव और पांच जहाजों ने इजरायल से उड़ान भरी। पांच में से तीन जहाजों में कमांडो बैठे थे, एक जहाज खाली था जो फंसे नागरिकों को लाने के लिए था। जबकि पांचवे हवाई जहाज में मेडिकल का सामान, कम्युनिकेशन सिस्टम था। कीनिया ने इस ऑपरेशन में इजरायल का साथ दिया और अपने यहां एक जहाज को रुकने की अनुमति दी। युगांडा एयरपोर्ट में लैंड करने के बाद उस ऑपरेशन को अंजाम देना शुरू किया गया। स्नाइपर्स ने युगांडा के सैनिकों को ढेर करना शुरू किया और देखते ही देखते थोड़ी ही देर में एंटेबे एयरपोर्ट पर इजरायल का कब्जा हो गया था। वहीं एयरबेस के पास 11 21 जहाज रखे थे उसे भी इस कमांडो द्वारा बम से उड़ा दिया गया, ताकि ऑपरेशन खत्म कर लौटने की सूरत में युंगाडा की सेना पीछा न कर सके। इस पूरे ऑपरेशन की ग्राउंड कंट्रोलिंग योनातन नेतन्याहू.के पास थी। सारे होस्टेजेज, एक-एक सिपाही अफसर को जहाज में बिठाने के बाद सबसे अंत में खुद जब योनातन नेतन्याहू जहाज पर चढ़ रहे थे तो उन्हें गोली लग गई। योनातन नेतन्याहू की मौत रास्ते में ही हो गई। योनातन नेतन्याहू की मृत्यु के बाद उनके भाई ने भी देश सेवा करने की ठानी और वह बेंजामिन नेतनयाहू हैं।
नेतन्याहू का शुरुआती जीवन
नेतन्याहू की मां तज़िला सेगल एक इजरायली मूल की यहूदी थीं और उनके पिता बेंज़ियन नेतन्याहू पोलैंड के एक धर्मनिरपेक्ष यहूदी थे। बेंजामिन नेतन्याहू का जन्म 1949 में जाफ़ा में हुआ बाद में वे यरूशलेम में पले-बढ़े और संयुक्त राज्य अमेरिका में हाई स्कूल गए। नेतन्याहू के पिता एक संशोधनवादी ज़ायोनीवादी थे, जिनका मानना था कि जॉर्डन नदी के दोनों किनारों पर इज़राइल का अस्तित्व होना चाहिए, उन्होंने पड़ोसी अरब राज्यों के साथ1967 में नेतन्याहू इजरायली सेना में शामिल हो गए और जल्द ही एक विशिष्ट कमांडो बन गए, जिन्होंने 1973 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान कप्तान के रूप में कार्य किया। 1982 में नेतन्याहू को वाशिंगटन, डीसी में इजरायली दूतावास में मिशन का उप प्रमुख नियुक्त किया गया था। 1984 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल का राजदूत नियुक्त किया गया।1988 में नेतन्याहू को तत्कालीन प्रधान मंत्री यित्ज़ाक शमीर की कैबिनेट में उप विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। 1993 में दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के अध्यक्ष पद पर आसीन होकर, नेतन्याहू ने 1992 के चुनाव में हार के बाद पार्टी की राजनीतिक सत्ता में वापसी की योजना बनाई।
2009 में हुए आम चुनावों में वह गठबंधन सरकार में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और साल 2013 के चुनावों में पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार प्रधामनंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। साल 2015 में हुए आम चुनावों में एक बार फिर वह प्रधानमंत्री चुन लिए गए। प्रधानमंत्री के रूप में नेतन्याहू की पांचवीं पारी मई 2020 में शुरू हुई। इस दौरान उन्होंने बैनी गैंज की पार्टी ब्लू एंड व्हाइट के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। 2022 के आम चुनावों के बाद एक बार फिर नेतन्याहू ने गठबंधन सरकार बनाई और छठी बार दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री बने।