भगवान शिव के पूजन से मनोकामनाएं होती है पूर्ण

उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य, किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष के साथ बड़ी संख्या में किन्नर संतो ने किया रूद्राभिषेक
प्रयागराज। श्रावण मास में पड़ने वाले  तीसरे सोमवार के मौके पर संगम नगरी प्रयागराज के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आज भोर से उमड़ पड़ी । सिविल लाइन के विश्व प्रसिद्ध हनुमत निकेतन के शिव मंदिर में स्थित एकादश रुद्र के स्वरुप में विराजमान भगवान भोले को प्रसन्न करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगाजल, शहद और दूध से जलाभिषेक करने और भगवान भोले को कमल पुष्प, बेलपत्र,धतूरा और मदार अर्पित करने आ रहे हैं। श्रद्धालु भगवान भोले शंकर से पूरे देश में सुख समृद्धि की कामना भी कर रहे हैं। इस मौके पर उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरी (टीना मा) बड़ी संख्या में शिष्यों सहित हनुमत निकेतन में स्थापित एकादश रुद्र का पंचगव्य से अभिषेक किया और शिव भक्ति गीत गाकर पूजा अर्चना की। किन्नर अखाड़ा के सभी किन्नर संत और श्रद्धालु लाल रंग की साड़ी पहनकर भगवान भोले शंकर का अभिषेक करने पहुंचे थे। महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरी महराज ने बताया कि सावन का पूरा महीना भगवान भोले शंकर का माना जाता है लेकिन सावन में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व है। इस बार सावन में कुल आठ सोमवार और चार प्रदोष पड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सावन के सोमवार को लेकर श्रद्धालुओं की ऐसी मान्यता और आस्था है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने और सच्चे मन से भगवान भोले की आराधना से सभी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा कि सावन में सुहागिनें जहां अपने पति और बेटे की लम्बी उम्र के लिए भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करती है। वहीं कुंवारी कन्याएं भगवान भोले की आराधना किए जाने से उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति भी होती है। श्रद्धालु अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए जलाभिषेक और रुद्राभिषेक कर रहे हैं। महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरी ने बताया कि इस बार सावन में अधिमास पड़ने से इसका महत्व कई गुना अधिक बढ गया है। उन्होंने बताया कि 21 अगस्त को नाग पंचमी और 31 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ श्रावण मास का समापन होगा।

Related posts

Leave a Comment