भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए आजमाएं ये उपाय,

न्याय के देवता शनिदेव की पूजा का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए समर्पित है, जो साधक सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ इस दिन न्याय के देवता की उपासना करते हैं। वे उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रवि पुत्र कर्मों के आधार पर किसी भी व्यक्ति को शुभ और अशुभ फल देते हैं। ऐसे में अगर आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं, यहां उनके कुछ वैदिक मंत्र और अचूक उपाय दिए गए हैं, जिसे आप आजमा सकते हैं।

शनि देव मंत्र

ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

ॐ शं शनैश्चराय नमः।

ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

शनि देव को प्रसन्न करने के अचूक महाउपाय

श्री राम भक्त हनुमान जी की उपासना करें।

शनिवार के दिन गरीबों को दान दें।

पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं।

गरीब ब्राह्राणों को भोजन कराएं।

काले कुत्ते को सरसों का तेल लगाकर रोटी खिलाएं।

शनि पूजा में भूलकर भी न करें ये काम

भगवान शनि की पूजा करते समय भूलकर भी उनकी आंखों में न देखें, जब कभी भी उनकी पूजा करें, तो उनकी चरणों की तरफ मुख रखें।

शनिदेव की पूजा के दौरान साधक का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।

शनिदेव की पूजा के दौरान लाल और गहरे पीले रंग से बचना चाहिए।

नारी का अपमान भूलकर भी न करें।

गरीबों का उपहास न उड़ाएं।

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