भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं तो इन उपायों का पालन करें

गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। भारत के सबसे जीवंत और प्रिय त्योहारों में से एक है गणेश चतुर्थी जिसे विशेष रूप से महाराष्ट्र में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। भगवान गणेश के जन्म का सम्मान करने वाला यह त्योहार आमतौर पर अगस्त या सितंबर में पड़ता है। इस उत्सव में घरों और सार्वजनिक स्थानों पर गणेश की मूर्तियों की स्थापना की जाती है, उसके बाद अनुष्ठान, भक्ति गीत गाए जाते हैं और मूर्तियों को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 से शुरू होगी और मूर्तियों का विसर्जन 17 सितंबर को होगा। जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहा है, कई भक्त, खासकर जो पहली बार उत्सव मना रहे हैं, वे अपने घरों में गणेश प्रतिमा स्थापित करने पर विचार कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि अनुष्ठान सही तरीके से किए जाएं, इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश आप जरुर जानें।

गणेश की मूर्ति चुनना

भगवान गणेश की मूर्ति चुनते समय, ऐसी मूर्ति चुनना बहुत शुभ माना जाता है जिसमें देवता की सूंड बाईं ओर झुकी हुई हो। बैठी हुई गणेश की मूर्ति भी अनुशंसित है क्योंकि यह सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त, मूर्ति में आदर्श रूप से गणेश के एक हाथ में आशीर्वाद की मुद्रा और दूसरे में मोदक पकड़े हुए होना चाहिए, जो देवता की पसंदीदा मिठाई है।

स्थापना की दिशा

गणेश जी की मूर्ति को अपने घर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना महत्वपूर्ण है, जहां मूर्ति का मुख उत्तर दिशा की ओर हो। सबसे पहले एक साफ मंच चुनें, उसे कपड़े से ढंक दें और फिर उस पर मूर्ति स्थापित करें। ऐसा माना जाता है कि इस स्थिति से घर में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद आता है।

पूजा विधि

मूर्ति स्थापित करने के बाद शुद्धि अनुष्ठान के तहत भगवान पर शुद्ध गंगाजल (पवित्र जल) और चावल छिड़कें। मूर्ति के साथ समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक ऋद्धि और सिद्धि को रखना भी आवश्यक है। मूर्ति के दाईं ओर जल से भरा बर्तन रखना चाहिए। इन तैयारियों के बाद भगवान गणेश को फूल, फल और मिठाई, खासकर मोदक चढ़ाएं। मंत्रों का जाप करें और आरती के साथ पूजा पूरी करें, जो भगवान के सामने जलते हुए दीपक लहराने की एक रस्म है।

गणेश चतुर्थी के दौरान इन निर्देशों का पालन करके भक्त अपने जीवन में भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, जिससे सुख, समृद्धि और शांति आएगी।

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