भगवान की आराधना जीवन को मंगलमय बनाए रखने के लिए सर्वोत्तम-आचार्य मनीषकृष्ण

लालगंज, प्रतापगढ़। बाबा घुइसरनाथ के समीप डभियार कोट मे हो रही दूसरे दिन सोमवार को श्रद्धालुओं का उत्साहजनक समागम दिखा। कथाव्यास आचार्य मनीषकृष्ण शास्त्री ने कहा कि भगवान कृष्ण ने संसार के प्राणियों को परस्पर दया तथा सदभाव के जीवन की प्रेरणा के लिए अवतार लिया है। कथाव्यास ने कहा कि मनुष्य को लोभ तथा विद्वेश तथा छल व कपट से स्वयं को मुक्त रखते हुए सच्चे मन से अर्हर्निश प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होने कहा कि मन की निर्मलता से की गई प्रार्थना को कृष्ण सदैव सहज रूप से स्वीकार करने के कृपालु है। कथाव्यास ने कहा कि प्रभु की कृपा सर्वत्र है, बस प्राणी को यह समझना चाहिए कि उसका जीवन पथ कहीं से अधर्म व अत्याचार को छू तक न जाय। पुण्य दूसरो की मदद और कमजोर की सेवा मे स्वनिहित है। आचार्य मनीषकृष्ण ने कहा कि किस कामना से किस देवता की उपासना करनी चाहिए, यह भी मनुष्य के लिए बेहद जीवनोपयोगी है। उन्होनें कहा कि भगवान कृष्ण ने सत्य को ही धर्म और असत्य के विनाश को कर्म ठहराया है। कथा का संयोजन लाल हरिनारायण सिंह ने करते हुए कथाव्यास का श्रीअभिषेक किया। सह संयोजक युवा समाजसेवी चंदन सिंह ने श्रद्धालुओं का रोली चंदन से आशीष अभिषेक कर स्वागत परंपरा का निर्वहन करते दिखे। इस मौके पर आचार्य प्रताप नारायण शास्त्री, पं. कैलाशपति मिश्र, त्रिभुवन नाथ तिवारी, फूलचंद्र पाण्डेय, जीत बहादुर सिंह, गोपालशरण सिंह, रमेश बहादुर सिंह, हृदय नारायण मिश्र आदि रहे।

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