ब्रज की परिक्रमा करने से पूरी होती है मनोकामनाएं

स्वामी ब्रह्मश्रम महाराज के नेतृत्व में शिष्यों ने ब्रज की चौरासी कोस परिक्रमा की पूरी
प्रयागराज । अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मास्त्र महाराज के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश,हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य प्रदेश के शिष्यों ने ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा सोमवार को पूर्ण की और उसके पश्चात सोनरख – रामताल रोड पर स्थित  श्री विश्वनाथ धाम दंडी आश्रम में हवन पूजन के साथ भंडारा संपन्न हुआ। शिष्य को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने कहा कि ब्रज क्षेत्र की चौरासी कोस की परिक्रमा पूर्ण करने से लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है और उनका जन्म जन्मांतर और उनके पूर्वजों के जन्म जन्मांतर में सुधार होता है और उनको मोक्ष की प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि माता यशोदा और नंद को भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी मनोकामना पूर्ण होने पर  ब्रज क्षेत्र में सभी देवी – देवताओं और  तीर्थो को स्थापित कर उनका दर्शन पूजन कराया। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि जो भी ब्रज क्षेत्र के चौरासी कोस में स्थित देवी, देवताओं और तीर्थों का पूजन और दर्शन करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और उसका जन्म जन्मांतर सुधर जायेगा एवं मोक्ष की प्राप्त होगी।  उन्होंने बताया कि यह चौरासी कोस वह क्षेत्र है जो ब्रज क्षेत्र कहलाता है जहां पर भगवान श्री कृष्ण ने बचपन में विविध प्रकार की लीला करते हुए गोपियों को दर्शन देते हुए महाबली राक्षसों का वध करने के बाद द्वारिका चले गए थे। पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मश्रम महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज क्षेत्र के 84 स्थानों पर लीलाएं की थी वह  आज भी उसी तरह से सुरक्षित है। वहां पर आज भगवान श्रीकृष्ण, राधा रानी सहित अन्य देवी / देवताओं के मंदिर बने हुए हैं जहां पर लोग दर्शन पूजन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी सनातन धर्मावलंबियों को चाहिए कि ब्रज क्षेत्र की चौरासी कोस की परिक्रमा करते हुए अपनी मनोकामना को परिवार सहित आकर पूर्ण करें।  यात्रा में आचार्य राधेश्याम, आचार्य अनुज कुमार, सेवानिवृत्त इंसपेक्टर  मनीषा, सुनीता, सुरभि, हिमानी, शारदा मुसद्दी, रंभा, नंदिनी, मुकेश, दीपा सहित अन्य शिष्यगण थे।

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