पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपने विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की ‘असभ्य’ टिप्पणी पर शर्मिंदगी जाहिर करने के बजाय बिलावल का बचाव कर रहा है।
भारत ने बिलावल भुट्टो की पीएम मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी को असभ्य बताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा था कि बिलावल का असभ्य बयान आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान की बढ़ती अक्षमता का परिणाम है। बागची ने बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि बिलावल की ‘हताशा’ पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के मास्टरमाइंड के पक्ष में दिखती है, जिसने आतंकवाद को अपनी ‘राज्य नीति’ का हिस्सा बना लिया है।
बिलावल पर भारत की टिप्पणियों के संबंध में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शनिवार को एक बयान जारी किया। पाकिस्तान ने हताशा में अब यह आरोप लगाया है कि भारत का बयान पाकिस्तान को बदनाम करने और अलग-थलग करने में उसकी विफलता को उजागर करता है। पाकिस्तान ने यह बेतुका तर्क दिया है कि अक्टूबर में एफएटीएफ ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान के बाहर निकलने और उसके आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने के बाद भारत उसे निशाना बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल कर रहा है।