मताधिकार में मतदाता पहचान पत्र होना अनिवार्य है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका पहचान पत्र नहीं बन पाया है। ऐसी स्थिति में चिंतित होने की जरूरत नहीं है। निर्वाचन आयोग द्वारा कई विकल्प दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में है तो निम्न चीजें लेकर बिना किसी दिक्कत के मतदान कर सकते हैं।
आधार कार्ड
-मनरेगा जाब कार्ड
बैंकों और डाकघरों की तरफ से जारी फोटो सहित पासबुक
-श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
-ड्राइविंग लाइसेंस
-पैन कार्ड
-एनपीआर के अंतर्गत आरजीआइ द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
-पासपोर्ट
-फोटो सहित पेंशन दस्तावेज
-पब्लिक लिमिटेड कंपनी द्वारा जारी पहचान पत्र
-विधायकों, सांसदों और विधान परिषद सदस्यों को सरकारी पहचान पत्र
-यूडीआइडी कार्ड
-राशन कार्ड
-किसान बही
-फोटोयुक्त शारीरिक रूप से अशक्त होने का प्रमाण पत्र
-सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मतदेय स्थलों पर मतदाताओं की पहचान के लिए मान्य होगा।
ऐसे पड़ेगा चैलेंज वोट
पोलिंग बूथ पर मौजूद राजनीतिक पार्टियों के एजेंट किसी मतदाता को चैलेंज कर सकते हैं। अगर एजेंट को लगता है कि संबंधित वोटर फर्जी है और वह किसी दूसरे व्यक्ति का वोट डालने आया है, तो वह पीठासीन अधिकारी से बोल कर वोट को चैलेंज कर सकता है, यही चैलेंज्ड वोट कहा जाता है। इसके लिए दो रुपये फीस देनी होती है। पीठासीन अधिकारी उस मतदाता के दस्तावेजों की जांच करेंगे, वह सही मतदाता है या नहीं। अगर मतदाता सही होता है, तो उसे मतदान करने की अनुमति दे दी जाती है। यदि मतदाता फर्जी होता है, तो उसे तुरंत पुलिस को सौंप दिया जाता है।
ये है टेंडर वोट का तरीका
कई बार ऐसा होता है कि जब मतदाता वोट डालने जाता है, तो उसे पता चलता है कि उसका मत पड़ चुका है। ऐसे में वह अपने पीठासीन अधिकारी से इसकी शिकायत कर सकता है। पीठासीन अधिकारी से दस्तावेजों की जांच कर व उसकी पहचान संबंधित सवाल कर उससे टेंडर वोट डलवा सकता है। टेंडर वोट बैलेट पेपर पर लिया जाता है।