शंकरगढ़, प्रयागराज से प्रमोद बाबू और चंद्र मणि मिश्र विकासखंड शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत जूही (मजरा जूही छोटी) में बीते 10 दिनों से बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुधारने का कार्य चल रहा है। जैक्सन कंपनी द्वारा खंभे और केवलिंग (वायरिंग) का ठेका शिवाकांत सोनकर को दिया गया है। लेकिन ग्रामीणों ने इस कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
खराब सामग्री और अनियमित कार्य से बढ़ी परेशानी
ग्रामीणों के अनुसार, ठेकेदार घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रहा है और मनमाने तरीके से खंभे गाड़े जा रहे हैं। कुछ खंभे लगाने के कुछ ही समय बाद उखड़ गए, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। ग्रामीणों ने जब इस पर आपत्ति जताई, तो ठेकेदार ने धमकी भरे लहजे में जवाब दिया कि उसे जैसे काम करना है, वैसे ही करेगा और कोई उसे रोक नहीं सकता।
गांव में अभी भी बिजली के खंभों की कमी
गांव में कई घरों में मीटर लगे होने के बावजूद खंभे नहीं लगे हैं। लोग 200-300 मीटर लंबी तारें खींचकर अस्थायी रूप से बिजली का उपयोग करने को मजबूर हैं। जबकि कागजों में गांव में दो-तीन बार नवीनीकरण हो चुका है, लेकिन अभी भी पुराने खंभे और तार ही लगे हुए हैं।
सौभाग्य योजना के खंभों की चोरी का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि सौभाग्य योजना के तहत गांव के लिए आए बिजली के खंभे ठेकेदार ने चोरी-छिपे उठवाकर मैन लाइन में लगवा दिए। इससे गांव में कई घर अब भी बिजली से वंचित हैं।
गुणवत्ता की अनदेखी और अवैध वसूली
केवलिंग में नियमों का उल्लंघन: नियमानुसार, केवलिंग में बीच में जोड़ (जॉइंट) नहीं होना चाहिए, लेकिन एक ही लाइन में 4-5 जॉइंट कर दिए गए, जिससे भविष्य में बिजली आपूर्ति बाधित होने और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई।
अवैध वसूली का आरोप: ग्रामीणों का आरोप है कि जिन लोगों के घर मीटर लगा हुआ था, उनसे कनेक्शन देने के नाम पर ₹200 अवैध रूप से वसूले गए। ठेकेदार ने स्पष्ट कहा कि बिना पैसे दिए कनेक्शन नहीं मिलेगा।
ग्रामीणों की सलाह को किया अनसुना
गांव के जागरूक नागरिकों आर.के. सिंह, विनय सिंह, आकाश सिंह, राधेश्याम साहू, रविंद्र मिश्रा, देवेंद्र सिंह, अनुराग सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने ट्रांसफार्मर के पास से खंभे लगाने की सलाह दी, ताकि पूरे गांव में बिजली सुचारू रूप से पहुंच सके। लेकिन ठेकेदार ने पत्थर होने का बहाना बनाकर वहां खंभे लगाने से इनकार कर दिया, जबकि वास्तव में वहां खंभे लगाए जा सकते थे।
ग्रामीणों की मांग: ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाए
गांव के लोगों ने बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि. ठेकेदार शिवाकांत सोनकर को ब्लैकलिस्ट किया जाए।उसकी भुगतान (पेमेंट) को रोक दिया जाए।यह कार्य किसी योग्य ठेकेदार द्वारा बिजली विभाग के मानकों के अनुसार कराया जाए।
4. गांव में बिजली व्यवस्था को स्थायी रूप से सुचारू किया जाए, ताकि लो-वोल्टेज, टूटते तार और गिरते खंभों जैसी समस्याओं से मुक्ति मिल सके।
गांव में सप्लाई बाधित, लोग अंधेरे में रहने को मजबूर
बीते 24 घंटे से पूरे गांव की बिजली सप्लाई बाधित है। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि नए खंभे और तार लगने के बाद बिजली आपूर्ति में सुधार होगा, लेकिन खराब सामग्री, अनियमित कार्य और ठेकेदार की मनमानी से स्थिति और खराब हो गई
अब देखना यह होगा कि बिजली विभाग इस गंभीर लापरवाही पर क्या कार्रवाई करता है, या फिर ग्रामीणों को इसी हाल में छोड़ दिया जाएगा।