बस संचालकों की मनमानी, आरटीओ नहीं लगा पा रहे लगाम

चाकघाट से प्रमोद बाबू झा, उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश सीमा क्षेत्र अंतर्गत प्राइवेट बसों में यात्रियों के साथ जमकर शोषण किया जा रहा है। जिस पर रीवा आरटीओ लगाम लगा पाने में फेल साबित हो रहे है। मामला रीवा बस स्टैंड से चाकघाट चलने वाली बसों में प्रतिदिन देखा जा रहा है। रीवा परमिट की बसे जो कि प्रयागराज पहुंचाने के लिये यात्रियों को बैठाकर चाकघाट बॉर्डर में छोड़ दिया जाता है। जहां यात्री इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर हो जाते है।बता दें कि प्रतिदिन रीवा से प्रयागराज की ओर सैकड़ो यात्री इन लोकल बसों में धोखे का शिकार हो रहे हैं। जिसकी वजह से उनकी यात्रा लंबी होती ही है और कई बार प्रयागराज जंक्शन से यात्रियों का ट्रेन भी छूट जाता है। बता दे कि बस संचालकों द्वारा मनमानी रुपए भी वसूले जा रहे हैं जिसे कोई देखने सुनने वाला नहीं है। ऐसा ही एक मामला नारायण ट्रैवल्स के बस क्रमांक एमपी17पी0724 में रात्रि के समय सामने आया जहां एक दर्जन के करीब यात्री आगे की यात्रा हेतु भटकने को मजबूर देखें गए है। जिन्हें प्रयागराज पहुंचाने हेतु दो- दो सौ रुपये की वसूली की गई थी और चाकघाट बॉर्डर में गाड़ी खड़ी कर बस चालक कंडक्टर नौ दो ग्यारह हो गए। फिलहाल ऐसे बस संचालकों के मनमानी पर रीवा आरटीओ कब ठोस एक्शन लेगा यह देखने वाली बात होगी। इसी प्रकार से बसों के संचालन पर अन्य रूटों पर भी बड़ी मनमानी चल रही है। बसों में क्षमता से अधिक सवारी भरना एवं किराया सूची नहीं होना जैसी कई गड़बड़ियां बनी हुई है। परंतु रीवा आरटीओ खानापूर्ति तक ही सीमित है। कार्यवाही के पश्चात पुनः उक्त बसे उसी हालत में दौड़ रही हैं और यात्रियों के साथ हो रहे शोषण पर न्याय करने वाला कोई नहीं है।

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