बसंतोत्सव पर कवि सम्मेलन मे बही राष्ट्रीयता की धार

 प्रतापगढ़। क्षेत्र के रायपुर तियांई मे बसंतोत्सव को लेकर रविवार की शाम कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमे ख्यातिप्राप्त कवियों ने राष्ट्रीय मूल्यों पर कविता की प्रस्तुतियों से सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया। कासिम हुनर सलोनी ने पढ़ा बताओ रहवरो आखिर सियासत की तराजू मे, ये हिन्दू व मुस्लिम दोनों तोले जाएंगे कब तक। वहीं नफीस ने गुनगुनाया- प्यार के और मोहब्बत के लुटाओ मोती, खुशनुमा देश का माहौल बनाना सीखो से वाहवाही हासिल की। वहीं दिलशाद राही ने शीशे सा बदन तेरा फूलों सी जवानी है को पढ़कर युवाओं का समर्थन हासिल किया। रामलगन यादव आशीष ने पढ़ा- टूटे जब तक सांस मेरी कभी हे प्रभु मेरे हाथों मे मेरा तिरंगा रहे को जमकर सराहा गया। आयोजक कवि अनीस देहाती ने पढ़ा- परखा पंचो साल भरे पै लवटा उहै बसंत ने पंचायत चुनावों का जायका का तड़का लगाया। अध्यक्षता बृजेश तन्हा व संचालन संतोष सिंह संतोष ने किया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि पूर्व शाखा प्रबंधक अनिल प्रकाश मिश्र ने साहित्य को समाज से जोडने की प्रेरणा ठहराया। इस मौके हरिकेश बहादुर सिंह, धर्मराज पटेल, ओमप्रकाश यादव, अरूण कुमार, मुन्ना मौर्या, हनुमत सिंह आदि रहे। 

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