बच्चों के स्वास्थ्य रहने, विकास के लिये खेल जरूरी : बादल चटर्जी

जगत तारन गोल्डेन जुबिली में समर कैम्प का हुआ समापन

प्रयागराज। विद्यार्थियों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें निखारने व उन्हें प्रदर्शन योग्य बनाने के उद्देश्य से जगत तारन गोल्डेन जुबिली स्कूल में 21 मई से चल रहे 10 दिवसीय समर कैंप ’उमंग’ का  समापन आज हुआ। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ रविनंदन सिंह ने कहा कि बच्चों की बचपन में ही प्रतिभा को पहचान कर अभिभावकों व शिक्षकों को एक दूसरे के सहयोग से उन्हें आकार देना चाहिए। जिससे कि वह भविष्य में एक वटवृक्ष के रूप में आकार ले सकें।
इस अवसर पर रविंद्रालय प्रेक्षागृह में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कैंप में कक्षा 1 से 12 तक के लगभग 350 विद्यार्थियों ने कुछ नया सीखने की ललक लेकर इसमें भाग लिया। कैंप में योगा, बास्केटबॉल, मार्शल आर्ट्स, आर्ट एण्ड क्राफ्ट, मेंहदी, सिलाई-कढ़ाई, फायरलेस कुकिंग, एनिमेशन, नाटक, नुक्कड़ नाटक, गायन, ऑर्केस्ट्रा, भरतनाट्यम, डांडिया, गरबा आदि नृत्य शैलियों की शिक्षा दी गयी।जगत तारन एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष प्रदीप मुखर्जी ने विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा व प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने शिक्षकों को बधाई दी। कहा कि बच्चों में सेवा भाव विकसित करने के लिए उन्हें सामाजिक संस्थानों, एन.जी.ओ मे ले जाएं जिससे कि वह उज्ज्वल देश के निर्माण में अपना सहयोग दे सकें। पूर्व कमिश्नर प्रयागराज  बादल चटर्जी ने नियमित रूप से खेलकूद तथा सांस्कृतिक गतिविधियों की शिक्षा देने का सुझाव दिया जिससे कि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें तथा उनका मन व मस्तिष्क भी सक्रिय रहे। प्रधानाचार्या सुष्मिता कानूनगो ने बच्चों को उनके शिक्षकों को उनकी सुंदर प्रस्तुतियों की बधाई देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस कैंप के माध्यम से बच्चों ने 10 दिनों में जो सीखा उसका आगे भी वह बेहतरीन प्रदर्शन करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि समर कैंप में बच्चों को उनकी रुचि व प्रतिभा के अनुसार खेल और अन्य कलाओं में प्रशिक्षण दिया गया जिससे बच्चों को अपनी प्रतिभा को शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन में निखार कर उन्हें उचित मंच मिल सके तथा पढ़ाई के साथ-साथ अपनी रुचि अनुसार अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकें। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण व विद्यार्थीगण आदि उपस्थित रहे तथा बच्चों की विभिन्न प्रस्तुतियों का आनंद उठाया।

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