सुभाष घई निर्देशित फिल्म ‘खलनायक’ ने अपने 30 साल पूरे किए। निर्देशक ने हाल ही में इस बारे में खुलासा किया कि जब प्रतिष्ठित गीत ‘चोली के पीछे’ को अश्लील करार दिया गया तो उन्हें कितना झटका लगा था। फिल्म निर्माता सुभाष घई का कहना है कि ‘चोली के पीछे’ की कल्पना मूल रूप से एक लोक गीत के रूप में की गई थी और इसके गीतों पर हंगामा चौंकाने वाला था।
फिल्मकार सुभाष घई का कहना है कि 1993 में आई उनकी फिल्म खलनायक के गाने चोली के पीछे की कल्पना मूल रूप से एक लोक गीत के रूप में की गई थी और इसके बोलों को लेकर हुए हंगामे से वह बेहद हैरान हुए थे। खलनायक छह अगस्त 1993 को रिलीज हुई थी और रविवार को इसकी रिलीज के 30 साल पूरे हो गए। सुभाष घई ने खलनायक का निर्माण अपनी पारंपरिक शैली में किया था, जिसमें मनोरंजन, शानदार गाने और कई बड़े कलाकारों ने अभिनय किया था। फिल्म मेंअभिनेता संजय दत्त, जैकी श्रॉफ और माधुरी दीक्षित अहम भूमिका में थे। खलनायक को 1990 के दशक की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक के रूप में याद किया जाता है।
खलनायक के 30 साल पूरे होने पर इसके निर्देशक सुभाष घई ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘ खलनायक की सबसे खास बात जो मुझे याद है, वह है जब लोगों ने चोली के पीछे गाने को अश्लील करार दिया था। यह मेरे लिए एक त्रासदी थी… एक बहुत बड़ा झटका। हमने इसे एक लोकगीत की तरह बनाया था और इसे कलात्मक तरीके से प्रस्तुत किया था। लेकिन, जब यह फिल्म रिलीज हुई तो विरोध प्रदर्शन हुए थे।’’ चोली के पीछे गाने को प्रसिद्ध गीतकार आनंद बख्शी ने लिखा था जबकि अनुभवी संगीत निर्देशकों की जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने इसका संगीत दिया था।
गायिका अलका याग्निक ने गाने में माधुरी दीक्षित के लिए पार्श्वगायन किया था, जबकि इला अरुण ने नीना गुप्ता पर फिल्माया गया गाने का लोक संस्करण गाया था। सुभाष घई (78) ने कहा, ‘‘मुझे याद है, एक प्रमुख अखबार ने लिखा था… यह गाना भारतीय सिनेमा का एक शानदार नमूना है और यह मेरे लिए एक राहत की बात थी। यह एक लोक गीत था और अब लोग इसे समझते हैं। ’’ चोली के पीछे गाने को लेकर हुआ विवाद ही नहीं बल्कि फिल्म में आतंकवादी का किरदार निभाने वाले संजय दत्त की आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) टाडा अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत हुई गिरफ्तारी ने भी फिल्म के लिए परेशानियां पैदा की थीं। निर्देशक ने कहा कि संजय दत्त की गिरफ्तारी की कल्पना किसी ने भी नहीं की थी।
सुभाष घई ने कहा, ‘‘ जब संजू (संजय दत्त) गिरफ्तार हुए तो हममें से किसी ने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। इसे लेकर बहुत हल्ला हुआ था। हमारी फिल्म दो महीने बाद रिलीज होने वाली थी… और यह उससे पहले एक साल से बन रही थी। लेकिन, लोग इस विवाद में शामिल हो गए क्योंकि संजय फिल्म में एक आतंकवादी की भूमिका निभा रहे थे। मीडिया और लोग उत्साह में बहुत कुछ करते हैं… लेकिन समय के साथ उन्हें एहसास हुआ कि यह गलत था।