दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के हैं कुलपति
विश्वविद्यालय में होना चाहिए जीवंतता का बोध -प्रोफेसर सिंह
प्रयागराज।
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में सोमवार को दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने नई शिक्षा नीति पर उद्बोधन देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जीवंत संस्थाएं हैं। इसलिए जीवंतता का बोध होना चाहिए। नई शिक्षा नीति कई अच्छाइयां लेकर आई हैं।
मुक्त विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर के एन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि बिना जीवन दृष्टि के जीवन निरर्थक है, इसलिए विश्वविद्यालय के लिए कुछ ना कुछ अच्छा करने का भाव होना चाहिए। यहां के शिक्षकों को इस बात का गर्व और गौरव होना चाहिए कि उन्हें इतना बड़ा विश्वविद्यालय मिला है। जिसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में अच्छा करने का प्रयास संतुष्टि का भाव उत्पन्न करता है।
इस अवसर पर प्रोफेसर सिंह का सम्मान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह देकर किया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि शिक्षक हमेशा सीखता रहता है। प्रयास करेंगे कि शिक्षिकत्व को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास विश्वविद्यालय को नैक से ग्रेडिंग दिलाना है। इसके लिए विश्वविद्यालय में हर तरह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर आगे ले जाकर देश का गौरव बढ़ाने में हम सभी का योगदान होना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन प्रबंधन अध्ययन विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर ओम जी गुप्ता ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रोफेसर पी पी दुबे ने किया ।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी अजय कुमार सिंह, प्रोफेसर पी के पांडे, प्रोफेसर जी एस शुक्ल, प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी, प्रोफेसर एस कुमार, डी पी सिंह, डॉ अतुल मिश्रा, डॉ सतीश चन्द्र जैसल एवं डॉ साधना श्रीवास्तव ने विचार व्यक्त किए।