प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया वोट के संस्थापक आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’ का जन्म दिवस

प्रयागराज । वॉयस ऑफ टीचर्स (वोट) अपने स्थापना दिवस 10 अगस्त जो वोट के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’ का जन्म दिवस भी है को प्रेरणा दिवस के रूप में भव्य कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया गया।
कार्यक्रम में बोलते हुए वोट के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’ नें कहा कि जो प्रेरणा दे, सूचित करे, बताए, ध्यान दे, ज्ञान दे या बोध कराए यह सभी गुरु के समान हैं जिनका आदर परमा आवश्यक है, गुरु निंदा जहां हो वहां विरोध करें यदि संभव न हो तो कान बंद कर लें, यदि यह भी सम्भव न हो तो वह स्थान छोड़ दें। श्री धीर नें अपने वक्तव्य में आगे कहा कि अगस्त माह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांति माह के रूप में जाना जाता है। 8 अगस्त, 1942 को गांधी जी द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन किया गया जिसमें लगभग सभी क्रांति कारियों को या तो जेल में डाल दिया या नजर बंद कर दिया गया तब मातृ शक्ति नें आगे बढ़ कर आंदोलन का नेतृत्व प्रयागराज से किया जिसमें नयन तारा सहगल, कमल बहुगणा एवं वर्मा-त्रय भगनियों का योगदान अमूल्य है। उन्होंने आगे कहा कि ताज समाज में प्रेम, ममता, मां सम्मान सभी बिक गया है, मानवता का क्षरण और अभिमान का आधिक्य हो गया है। छात्रों को चाहिए कि मानवता को धर्म के रूप में स्वीकार कर कर्म साधना करें, जिससे प्रेम और एकता का विस्तार हो सके।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हए एशोचम के चैयरमैन एवं इन्सोलॉक्स स्पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक  सुधांशु श्रीवास्तव  ने कहा कि आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’ ससच्चे अर्थों इन मेरे गुरु हैं जिन्होने मुझे मेरे आध्यात्मिक, व्यावसायिक एवं व्यहवारिक जीवन में उत्कृष्ट मार्गदर्शन दिया है, उनके द्वारा स्थापित वॉयस ऑफ टीचर्स (वोट) निश्चय ही सभी शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण करने में समर्थ होगी और श्री मिश्र की जो आवाज आज इस प्रांगण में गूंज रही रही है एक दिन यह विधान सभा में भी शिक्षकों के हित में गूंजेगी। उन्होंने कहा कि श्री हर्ष सावित्री संस्कृत महाविद्यालय के परिसर के लिए शीघ्र ही एशोचम के माध्यम से हमारी कंपनी विकास का प्रस्ताव लेकर आएगी।
कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्रबंधक  आशुतोष मिश्र ने वोट और धीर  को अपनी शुभकाकमनाएँ दी जबकि उत्तर प्रदेश बोर्ड से सेवा निवृत्त अधिकारी डॉ. गिरजा शंकर शुक्ल नें श्री मिश्र की भूरि-भूरि प्रशंशा की।
कार्यक्रम को आचार्य दया कांत मिश्र एवं आचार्य लक्ष्मी नारायण उपाध्यक्ष एवं आचार्य सूर्य प्रकाश शुक्ल जी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में आचार्यों ने अतिथियों का स्वस्ति वाचन से स्वागत व अभिनंदन किया।तदोपरांत माल्यार्पण एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। सोनू पांडेय, करुणाकान्त, निधी एवं शिवम त्रिपाठी ने कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय की वरिष्ठ छात्र आचार्य अखिलेश पांडेय ने किया। आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों की प्राचार्य, आचार्य के साथ  छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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