प्रयागराज।
शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार लाने के लिये एक जनवरी से 100 दिवसीय पुस्तक पठन अभियान ‘पढ़े भारत’ की शुरुआत की।
इसका मकसद छात्रों में रचनात्मकता, चिंतन, शब्दावली के साथ-साथ मौखिक तथा लिखित दोनों तरह से अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित करना है। इसी क्रम मे प्राथमिक विद्यालय रसूलाबाद नगर क्षेत्र की तरफ़ से हौली पार क्षेत्र में रीडिंग कम्पेन प्रारम्भ किया। इसके अन्तर्गत विद्यालय की तरफ़ से हौलीपार मोहल्ले में
एक सचल पुस्तकालय(चलता फिरता पुस्तकालय) भी खोला गया है। जिसका नाम पुस्तकालय आपके द्वार रखा गया है, जिसमें जो बच्चे कोविड के कारण मोहल्ला क्लास नहीं करते या जो दूर- दराज़ रहते हैं,वह सब भी किताबें पढ़ सकें। सचल पुस्तकालय गांव की गली मोहल्लों में जाता है । अभिभावक और बच्चे इस पुस्तकालय को देखकर आकर्षित होते हैं। बच्चे दौड़ कर आते हैं और अपनी मनपसंद की किताबें लेकर पढ़ते हैं। इस पुस्तकालय के कारण बच्चों में पढ़ने की उत्सुकता व उत्साह दिखाई पड़ रहा है और अधिक से अधिक बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। अभिभावकों में भी खुशी की लहर है कि बच्चों को घर के द्वार पर ही मनपसंद किताबें पढ़ने को मिल रहीं हैं।
विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ.रूबी ओझा ने कहा कि ” पुस्तक पढ़ना एक अच्छी आदत है और यह संज्ञानात्मक भाषा एवं सामाजिक कौशल के विकास का शानदार माध्यम है।”
उन्होंने कहा कि वे हर व्यक्ति खासकर बच्चों को पुस्तक पढ़ने की आदत को अपनाने की अपील कर रही हैं। एक जनवरी 2022 से शुरू होकर 10 अप्रैल 2022 तक चलने वाले इस अभियान में कक्षा 1 से आठवीं कक्षा तक के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं।
इस अभियान में प्रति समूह प्रति सप्ताह एक क्रियाकलाप को इस तरह तैयार किया गया है कि पढ़ाई मनोरंजक बने और पढ़ाई का आनंद बना रहे। डॉ.रूबी ने बताया कि बच्चों के क्रियाकलापों को, उम्र के अनुसार उपयुक्त साप्ताहिक कैलेंडर सहित पढ़ाई अभियान के दिशानिर्देश के अनुसार चलाया जा रहा है। ये क्रियाकलाप सरल और आनंददायक हैं जिन्हें घर पर उपलब्ध संसाधनों के साथ तथा स्कूल बंद होने की स्थिति में माता-पिता, साथियों और भाई-बहनों की मदद से आसानी से पूरा किया जा सकता है। इस अभियान में शिक्षा मित्र मीना तिवारी भी शामिल रहीं।