प्रयागराज के पार्कों को ₹26.38 करोड़ से मिला नया रूप, हरियाली और सुंदरता में हुआ इज़ाफ़ा

महाकुम्भ 2025 में श्रद्धालु/पर्यटक देख रहे प्रयागराज का भव्य स्वरूप: “कुम्भ आए तो यहाँ भी जाएं”*
*प्रयागराज का पौराणिक महत्त्व बता रहीं ब्रह्मा-वाल्मीकि की आत्मीय प्रतिमाएं*
*प्रयागराज।  महाकुम्भ-2025 में हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसा पहली बार है, जब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के नेतृत्व में न सिर्फ संगम क्षेत्र, बल्कि पूरे शहर को संवारा और सजाया गया है। प्रयागराज नगर निगम ने साफ-सफाई की व्यवस्था को पुख्ता करने के साथ ही सड़कों, चौराहों, दीवारों और पार्कों का भी कायाकल्प किया है। जिसके चलते पर्यटक और श्रद्धालु प्रयागराज का भव्य और दिव्य स्वरूप देख रहे हैं। नगर विकास विभाग के सहयोग और प्रेरणा से नगर निगम ने आने वाले श्रद्धालुओं और शहरवासियों के लिए करीब 26.38 करोड़ की लागत से 387 पार्कों का निर्माण, जीर्णोंधार और कायाकल्प कराया है। इनमें बने मोन्युमेंट्स, प्ले जोन, बोटिंग, हरियाली एवं आस्था को वेस्ट से बेस्ट और वेस्ट से वेल्थ में ढाला है। इसके साथ ही जन भावानाओं को ध्यान में रखते हुए और प्रयागराज के पौराणिक महत्व को दर्शाती भगवान ब्रह्मा और महर्षि वाल्मीकि की 31 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है।
संगम मार्ग पर स्थित पार्कों के साथ-साथ शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित पार्कों में सौंदर्यीकरण के कार्य किए गए हैं, जिससे पर्यटक न केवल धार्मिक कार्यों में भाग ले रहे हैं, बल्कि यहाँ की हरियाली और सुंदरता का भी आनंद ले रहे हैं । सौंदर्यीकरण कार्यों के तहत पार्कों में बाउंड्रीवॉल, फुटपाथ, सोलर एलईडी लाइट, फाउंटेन, चिल्ड्रन प्ले एरिया, साइनेज बोर्ड इत्यादि लगाए गए हैं। यमुना बैंक रोड पार्क पुरा काली घाट के पास, कृष्णा पार्क (मेला प्राधिकरण ऑफिस के पीछे), तिकोना पार्क लाला चुंगी के पास और तिरंगा पार्क फोर्ट रोड चौराहे पर हैं। जिनका रेनोवेशन कर महाकुम्भ 2025 से पहले इन्हें श्रद्धालुओं के लिए सजाया गया है। ये सभी पार्क महाकुम्भ क्षेत्र के पास ही हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। इनके अलावा तुलसी पार्क, जोन 3, सिविल लाइन्स; अर्चना पार्क जोन 3, सिविल लाइन्स; लीजेंड पार्क जोन 3, सिविल लाइन्स; गुरु नानक पार्क जोन 2, मुट्ठीगंज; योगीराज पार्क, जोन 8, झूंसी में हैं।
*किए गए बदलाव:*
*बाउंड्री वॉल और फुटपाथ निर्माण:* पार्कों के चारों ओर मजबूत बाउंड्री वॉल बनाई गई है, साथ ही यहाँ पैदल चलने के लिए नए फुटपाथ और वाकवे का निर्माण किया गया है।
*चिल्ड्रन प्ले एरिया:* बच्चों के लिए आधुनिक झूलों और खेल के अन्य उपकरणों से सुसज्जित चिल्ड्रन प्ले एरिया बनाए गए हैं, ताकि परिवार के साथ आने वाले पर्यटक अपने बच्चों के साथ समय बिता सकें।
*साइनेज बोर्ड:* शहरभर में पार्कों और प्रमुख स्थानों पर सही दिशा-निर्देश देने के लिए साइनेज बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि पर्यटक आसानी से अपनी यात्रा की योजना बना सकें।
*सीटिंग अरेंजमेंट और ग्रीन स्पेस:* पार्कों में बैठने की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालु और पर्यटक आराम से बैठ सकें। साथ ही घने पत्तेदार वृक्ष और ऑर्नामेंटल फूलों के बागीचे लगाए गए हैं।
*ग्रीन टर्फ और पौधारोपण:* पार्कों में ग्रीन टर्फ का निर्माण किया गया है और वॉकवे के दोनों ओर पौधे लगाए गए हैं, जो पर्यावरण को और भी हरा-भरा बनाते हैं।
इसके अतिरिक्त कई पार्कों में स्मार्ट सिटी द्वारा ओपन एयर जिम की भी स्थापना की गई है। इन सभी कार्यों के माध्यम से प्रयागराज नगर निगम ने यह सुनिश्चित किया है कि आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को न केवल धार्मिक अनुभव मिले, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित, स्वच्छ और आरामदायक वातावरण भी मिले।
*क्यों बनाई गईं ब्रह्मा और वाल्मीकि की मूर्तियां:*
प्रयागराज का इतिहास और पौराणिक महत्त्व अत्यधिक गहरा है। पुराणों के अनुसार, यहाँ भगवान ब्रह्मा ने पहला यज्ञ किया था। इसी वजह से महाकुम्भ 2025 के पहले, मेयर गणेश केसरवानी ने एक सुझाव दिया था कि यहाँ ब्रह्माजी की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाए, इसी क्रम में नगर निगम द्वारा अरैल रोड पर स्थित शिवालय पार्क में 31 फीट ऊँची ब्रह्मा जी की मूर्ति भी बनकर तैयार है। मूर्ति ₹2.24 करोड़ की लागत से कल्चर्ड मार्बल से बनाई गयी है तथा आ रहे पर्यटकों में आकर्षण का केंद्र बानी हुई है। इसके साथ ही, महर्षि वाल्मीकि द्वारा रामायण रचनाकार के रूप में भी प्रयागराज का उल्लेख है, इसलिए अरैल रोड पर ही महर्षि वाल्मीकि की भी एक भव्य प्रतिमा स्थापित की गयी है। ये प्रतीमा भी कल्चर्ड मार्बल द्वारा ही निर्मित तथा 31 फीट ऊँची है, जिसकी स्थापना में नगर निगम द्वारा ₹2.67 करोड़ खर्च किए गए हैं।
महाकुम्भ केवल त्रिवेणी के पवित्र जल में स्नान करने का अवसर नहीं है, बल्कि यह नए, स्मार्ट और समृद्ध प्रयागराज के दर्शन करने का अवसर भी है। यदि आप महाकुम्भ आ रहे हैं, तो केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित न रहें। इन पार्कों का भ्रंमण भी करें, जहाँ आपको न केवल स्वच्छता और हरियाली का अनुभव होगा, बल्कि यहाँ की सुंदरता और शांति आपको मंत्रमुग्ध भी कर देगी। हमारी यही कोशिश है कि प्रयागराज सिर्फ धार्मिक आस्था के केंद्र के रूप में न जाना जाये बल्कि पर्यटन केंद्र के रूप में भी उतनी ही प्रसिद्धि प्राप्त करे। – *श्री चंद्र मोहन गर्ग नगर आयुक्त, प्रयागराज*

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