सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन किया। इस परिषद की अध्यक्षता बिबेक देब राय करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मंजूरी दे दी है। यह परिषद दो साल के लिए गठित की गई है। यह परिषद एक स्वतंत्र निकाय है जिसका गठन सरकार खासकर प्रधानमंत्री को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर सलाह देने के लिए किया गया है।पुनर्गठन के बाद वी अनंत नागेश्वरन को इससे हटा दिया गया है। वहीं आरबीआइ के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन), की डायरेक्टर जनरल पूनम गुप्ता और आइआइएम अहमदाबाद के प्रोफेसर टीटी राम मोहन को इसमें शामिल किया गया है। परिषद के अन्य सदस्यों में साजिद चिनाय y), नीलकंठ मिश्रा और निलेश शाह शामिल हैं।27 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन में कैबिनेट सचिवालय ने बताया, ‘प्रधानमंत्री ने नए आर्थिक सलाहकार परिषद को दो साल तक के लिए मंजूरी दे दी है।’ बिबेक देबराय पहले से ही इस परिषद के अध्यक्ष हैं और आगे भी बने रहेंगे। उनके पद वेतन और भत्ते में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। नोटिफिकेशन अनुसार, परिषद के लिए निर्धारित नियम एवं शर्तों में प्रधानमंत्री की तरफ से भेजे गए आर्थिक या किसी भी अन्य मुद्दे का विश्लेषण करना और उन्हें सलाह देना शामिल है।उल्लेखनीय है कि एक स्वतंत्र निकाय की तरह काम करती है जिसका गठन सरकार विशेष तौर पर प्रधानमंत्री को सलाह देने के लिए किया जाता है। इसका गठन वर्ष 2017 में दो साल के लिए किया गया था। इस परिषद ने तत्कालीन की जगह ले ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में इसकी अध्यक्षता पूर्व RBI गर्वनर सी रंगराजन कर रहे थे।
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