प्रयागराज)। भारतीय सेना फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, ओबीई, भारतीय के पहले कमांडर-इन-चीफ द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के सम्मान के रूप में प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को सशस्त्र सेना के दिग्गज दिवस के रूप में मनाती है। इस दौरान 10 जरूरतमंद पूर्व सैनिकों की विधवाओं को वित्तीय सहायता एवं वेटरन्स के 10 विकलांग परिवारवालों को सम्मानित किया गया।
यह जानकारी विंग कमांडर एवं मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शैलेन्द्र पाण्डेय ने देते हुए बताया कि सेना, जो 14 जनवरी 1953 को सेवा से सेवानिवृत्त हुई। प्रति वर्ष वयोवृद्ध दिवस का स्मरण करते हुए, हमारे दिग्गजों की निःस्वार्थ भक्ति और बलिदान का सम्मान करने के लिए सेवाओं की एक अनूठी पहल है। आज, इन अनसंग नायकों ने अपनी वर्दी को लटका दिया, यह एक राष्ट्र के रूप में और एक संगठन के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम कितना ध्यान रखें। इसे ध्यान में रखते हुए, मुख्यालय पुरवा यूपी और एमपी सब एरिया द्वारा 14 जनवरी को एक पुराण सैनिक पुनर्मिलन समरोह का आयोजन किया गया।
मेजर जनरल आई.एम लांबा, जीओसी ने वेटरन्स को संबोधित किया। उन्होंने पूर्व सैनिकों और वीर नारियों द्वारा किए गए योगदान और बलिदानों की सराहना की। कहा कि तीनों सेवाओं के लिए वेटरन्स का कल्याण और कल्याण एक फोकस क्षेत्र है। उन्होंने हमारे दिग्गजों और वीर नारियों के साथ फिर से जुड़ने की जरूरत पर जोर दिया, जो मौजूदा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों और उन तक पहुंचने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। कहा, आयोजन का उद्देश्य हमारे दिग्गजों को एक स्पष्ट संदेश देना है कि राष्ट्र और सशस्त्र बल उनकी देखभाल करते हैं।