पारदर्शिता और त्वरित गति से आमजन तक योजनाओं की पहुंच

 प्रयागराज। केन्द्र सरकार द्वारा हाल के वर्षों में आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने ,लोककल्याण कारी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता एवं त्वरित गति से आमजन तक तक पहुँचे ,वास्तविक लाभार्थियों की सही पहचान हो इसके लिये अनेक कदम उठाए गये जिसका परिणाम है कि लोगों जीवन में बहुत अधिक सुधार हुआ है, नए भारत का सपना साकार हुआ है ।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिला शसक्तीकरण की योजना साबित हो रही है । ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन पकाने का साधन लकड़ी, गोइठा ,कोयला,भूसी आदि से जलने वाले चूल्हे थे जिससे निकलने वाला धुँआ जहां स्वास्थ्य विशेष कर आँखो के लिये नुकसान दायक था, वहीं भोजन पकाने में समय काफी लगता था, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक निर्णय से ग्रामीण घर के रसोइ में रौनकता आगयी।प्रधानमंत्री उज्जवला योजना उन महिलाओ के लिए लाई गई है जो चूल्हे पर खाना बनती है तथा गैस कनेक्शन नहीं ले सकती है । योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है जो कि मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन वितरित करके पूरा किया जा सकता है। योजना के लागू करने का एक उद्देशय यह भी है कि इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं के स्वास्थ्य की भी सुरक्षा की जा सकेगी वर्तमान में उपयोग में आने वाले अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करना और शुद्ध ईंधन के उपयोग को बढाकर प्रदुषण में कमी लाना भी योजना के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। जो बीमारियाँ खाना बनाने के लिए उपयोग में आने वाले अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के जलने से होती हैं।
प्रधानमंत्री उज्जला योजना से वाराणसी के ग्राम भट्टी की शान्ति कुमारी और सजोई कि रीता देवी के घरों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन है , पहले चूल्हे पर भोजन पकता था जिसमें घर की महिलाओं का आधा समय ईंधन की व्यवस्था करने चूल्हा जलाने में लग जाता था, वारिस और जाड़े के मौसम में मुसीबत और बढ़ जाती थीं । रीता देवी बताती हैं कि अब मेहमान घर में आए तो चाय बनाने में समय नहीं लगता, बच्चे स्कूलों में अब बिना खाये नहीं जा पाते पहले चूल्हे से खाना बनाने में समय अधिक लगता था परन्तु अब चन्द समय मे आवश्यकता अनुसार भोजन तैयार हो जाता है ।
शान्ति कुमारी कहती हैं पहले गैस सिलेंडर मिलने में सप्ताह भर लग जाता था परन्तु अब बूकिंग के एक दो दिन के भीतर ही सिलेंडर आ जाता है।
जंसा वाराणसी के राजेश कुमार विश्वकर्मा बताते हैं कि अब तो गैस बुकिंग के लिये एजेंसी पर भी नहीं जाना होता मोबाइल से या ऑनलाइन बुकिंग के साथ ऑनलाइन भुगतान भी हो जाता है यह सब परिवर्तन मोदी सरकार में हुआ है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से जरूरत मन्दों के लिये मददगार हुई लोग जानते हैं देश में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लॉकडाउन की स्थिति आयी जिसका प्रभाव रोज कमाने खाने वालों के जीवन पर पड़ा इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राशन प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। इस योजना के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थियों तक राशन पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिक जैसे की सड़क पर रहने वाले, कूड़ा उठाने वाले, फेरी वाले, रिक्शा चालक, प्रवासी मजदूर आदि को प्राथमिकता प्रदान की गई ।
वाराणसी के कई ऐसे लाभार्थी हैं जो इसका लाभ पा रहें हैं, चांदपुर, वाराणसी के माल वाहक रिक्सा चालक मुरारी और सद्दाम कहते हैं कि गरीबों को राशन की दुकान से हर माह 5 किलो गेहूं और चावल प्रति व्यक्ति फ्री मिल रहा है जो संकट की घड़ी में एक बहुत बड़ी सहायता है । साथ ही सभी कार्ड धारकों को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक किलो दाल एक लीटर खादय तेल और एक किलो नमक भी मिल रहा है । मुरारी को प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस कनेक्शन भी इनकी पत्नी के नाम से है ,मुरारी का कहना है कि पहले राशन और ईधन दोनों की व्यवस्था करना मुश्किल हो जाता था ,शहरी क्षेत्र में लकड़ी का दाम गैस से भी अधिक मंहगा पड़ता था उसे लाने जलाने सब में कठिनाई के साथ समय और धन की खपत होती थीं ।
सद्दाम कहते कि पहले चूल्हा जलाने के लिये बाजार से 2 किलो 5 किलो की गैस टँकी खरीद कर काम चलाना पड़ता था जिसमें सुरक्षा भी नहीं थीं और महंगी गैस लेनी पड़ती थी परन्तु अब सरकार ने खुले बाजार में इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम की पांच किलो की टँकी उलब्ध कराकर गरीब वर्ग को ईंधन का एक सुरक्षित तोहफा दिया है छोटा परिवार काम लगता पर गैस सिलेंडर पेट्रोल पंपों और परचून की दुकानों पर पा जा रह है यह है एक आमआदमी के सपनों का भारत जिसे आवश्यक बुनियादी सुविधाएं सहजता, सरलता और सुगम्यता से शुलभ हो रही हैं ।
स्वंय सहायता समूह से महिलाओं में रोजगार का अवसर बढ़ा है । वाराणसी के चोलापुर गाँव की सावित्री देवी गरिमा स्वंय सहायता समूह की अध्यक्ष हैं ,समूह को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद भी मिली है समूह की सदस्य पशुपालन, कर अपने परिवार की आवश्यकता की पूर्ति के लिये आत्मनिर्भर हैं । डोमरी गांव की सीमा परस्नातक हैं वह शिवानी स्वंय सहायता समूह चलती हैं उनके समूह की सदस्य महिलायें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं।जंसा ग्राम में संचालित शिवजी स्वंय सहायता समूह की बैंक सखी सरिता महिलाओं को सब्जी की खेती के लिए प्रेरित कर उनका मनोबल बढ़ा रहीं हैं

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