पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में उन्मादी भीड़ ने धार्मिक ग्रंथ के अपमान के आरोपित को पेड़ में बांध पीट-पीटकर मार डाला। पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदर ने पुलिस से मामले की रिपोर्ट तलब करते हुए उसकी गहराई से जांच के निर्देश दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने रविवार को बताया कि यह वारदात शनिवार को जंगल डेरा गांव में हुई, जहां सैकड़ों लोग शाम की नमाज के बाद इकट्ठा हुए थे।
दरअसल, यह घोषणा की गई थी कि एक व्यक्ति ने पवित्र कुरान के कुछ पन्नों को फाड़कर जला दिया है। वारदात से पहले पुलिस मौके पर पहुंची थी, लेकिन भीड़ ने थाना प्रभारी के कब्जे से अधेड़ उम्र के आरोपित को छीन लिया। आरोपित खुद को निर्दोष बताते हुए रहम की भीख मांग रहा था, लेकिन उन्मादी भीड़ ने उसकी एक न सुनी। भीड़ ने उसे एक पेड़ से बांध दिया और पीट-पीटकर मार डाला।
पाकिस्तान में ईश निंदा के खिलाफ सख्त कानून है, जिसमें मृत्युदंड तक का प्रविधान है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुस्लिम बहुल देश में अक्सर भीड़ किसी की हत्या के लिए ईश निंदा के आरोपों का सहारा लेती है।
श्रीलंकाई नागरिक की हुई थी जघन्य हत्या
करीब दो महीने पहले ही सियालकोट में कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के उग्र समर्थकों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर श्रीलंका निवासी एक कपड़ा फैक्ट्री के महाप्रबंधक प्रियंता कुमारा की ईश निंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बर्बर भीड़ ने कुमारा के शव को सड़क पर रखकर जला दिया था। पिछले साल नवंबर में पुलिस ने जब ईश निंदा के आरोपित को सौंपने से इन्कार कर दिया था, तो उन्मादी भीड़ ने खैबरपख्तूनख्वा स्थित एक थाने में आग लगा दी थी।