पांच साल में 100 वंदे भारत समेत 772 नयी रेल सेवाएं शुरू की गईं: रेल मंत्री

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव नेबताया कि 2019-2020 से 2023-2024 तक भारतीय रेलवे नेटवर्क में 100 वंदे भारत सहित 772 ट्रेन सेवाएं शुरू की गई हैं। रेल मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया ‘‘विभिन्न वर्गों के यात्रियों की यात्रा संबंधी जरूरतें पूरी करने के लिए, भारतीय रेलवे विभिन्न प्रकार की सेवाओं जैसे एक्सप्रेस ट्रेनें, सुपरफास्ट ट्रेनें, पैसेंजर/मेमू/डेमू ट्रेनें और उपनगरीय सेवाएं शुरू करती है और उनका संचालन करती है।’’

भाजपा सांसद नीरज शेखर ने उनसे 2024-25 के दौरान प्रस्तावित नयी ट्रेनों की संख्या और पिछले पांच वर्षों में शुरू की गई वंदे भारत, राजधानी और अन्य ट्रेनों जैसी नई ट्रेनों की वर्षवार और क्षेत्रवार जानकारी मांगी थी।

वैष्णव ने कहा, ‘‘वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 की अवधि के दौरान, भारतीय रेलवे नेटवर्क पर 100 वंदे भारत ट्रेनों सहित 772 ट्रेन सेवाएं शुरू की गई हैं। भारतीय रेलवे पर ट्रेन सेवाओं की शुरूआत एक सतत प्रक्रिया है जो यातायात औचित्य, परिचालन व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है।

भारतीय रेलवे के उत्तर रेलवे (एनआर) जोन ने ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए एक और कदम उठाया है। उत्तर रेलवे ज़ोन के लखनऊ मंडल ने एक विशेष व्यवस्था की है और विशेष रूप से निचली बर्थ में बच्चों के लिए एक निचली बर्थ जोड़ी है। लखनऊ मंडल ने एक अतिरिक्त छोटी बर्थ जोड़ी है। इस बर्थ को ‘बेबी बर्थ’ भी कहा जा रहा है। यह बेबी बर्थ छोटे बच्चों के लिए है। यह बर्थ उन महिला यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगी जो अपने बच्चों के साथ बाहर जाती हैं और अपने साथ यात्रा कर रहे बच्चों को अतिरिक्त बर्थ पर बिठाकर इसका लाभ उठा सकती हैं।

रेलवे सुरक्षा उपाय के तौर पर बर्थ के बगल में एक स्टॉपर भी उपलब्ध कराएगा ताकि छोटा बच्चा सोने के दौरान नीचे न गिरे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे ने शिशुओं के साथ माताओं की यात्रा को आसान बनाने के लिए लखनऊ मेल में प्रायोगिक तौर पर दो बेबी बर्थ उपलब्ध कराए हैं। वैष्णव ने राज्यसभा को एक पूरक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया ‘‘माताओं की अपने शिशुओं के साथ यात्रा को आसान बनाने के लिए, ट्रेन संख्या 12229/30 लखनऊ मेल के एक डिब्बे में दो निचली बर्थ के साथ दो बेबी बर्थ प्रायोगिक परीक्षण के आधार पर उपलब्ध कराई गई हैं।’’

वैष्णव ने कहा ‘‘यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और उन्होंने इस प्रयास की सराहना की। हालांकि, इसकी वजह से सीट के नीचे सामान रखने की जगह और सीटों के बीच पैर रखने की जगह सीमित हो जाने के कारण यात्रियों को असुविधा हुई।’’ उत्तर रेलवे जोन के लखनऊ मंडल के डीआरएम ने ट्वीट किया, “लखनऊ मेल में अपने बच्चे के साथ यात्रा करने वाली माताओं की सुविधा के लिए कोच संख्या 194129/बी4, बर्थ संख्या 12 और 60 में एक बेबी बर्थ की शुरुआत की गई है। फिटेड बेबी सीट काज के बारे में मोड़ने योग्य है और एक स्टॉपर से सुरक्षित है।”

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