पर्यावरण जागरूकता के प्रकृति कार्यक्रम में वैज्ञानिक – विद्यार्थी संवाद का आयोजन*

*प्रयागराज।* पर्यावरण को सुदृढ़ बनाने के लिए हमारी जीवन शैली में किए जा सकने वाले छोटे बदलावों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा शुरू किए गए अभियान शुभंकर प्रकृति के अंतर्गत  पारि – पुर्नस्थापन वन अनुसन्धान केन्द्र द्वारा केंद्रीय विद्यालय, मनौरी, प्रयागराज में 34वाँ पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के शुरुआत में केन्द्र प्रमुख डॉ० संजय सिंह ने सम्बोधित करते हुए विद्यार्थियों को जलवायु परिवर्तन, वन क्षेत्र एवं जैव विविधता ह्रास के दुष्परिणामों को बताते हुए परिस्थितिकी-तंत्र को बचाने का आह्वान किया। विद्यालय कीं प्रधानाचार्य शालिनी दीक्षित ने मंत्रालय द्वारा प्रकृति अभियान की सराहना करते हुए कहा कि आज मानव अपनी सुविधाओं के लिए प्रकृति में असंतुलन पैदा कर रहा है जिससे कोरोना जैसी महामारी पैदा हो जाती है। डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म के माध्यम से केन्द्र द्वारा हरित आवरण बढ़ाने के प्रयासों से विद्यार्थियों को अवगत कराया गया। साथ ही पर्यावरण प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन हुआ जिसमें बच्चों ने पुरस्कार प्राप्त किये। कार्यक्रम समन्वयक, डॉ० अनुभा श्रीवास्तव, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि औद्योगीकरण तथा अन्य कारणों द्वारा बढ़ने वाले तापमान से ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को वानिकी द्वारा ही कम किया जा सकता है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ० अनीता तोमर ने परिस्थितिकी-तंत्र को बचाने पर बल दिया साथ ही विभिन्न विलुप्त होती वृक्ष एवं फल प्रजातियों से भी अवगत कराया। उन्होंने पर्यावरण सुधार हेतु प्लास्टिक के उपयोग को भी कम करने पर जोर दिया। कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित किए गए। कार्यक्रम के सफलता पूर्वक संपन्न होने में कल्पना द्विवेदी, शिक्षिका, संजय कुमार के साथ नरेश कलोत्रा आदि का विशेष सहयोग रहा।

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